सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अब समय आ गया है कि संसद संविधान के अनुच्छेद 15 में संशोधन कर ‘विकलांगता’ को ग़ैर-भेदभाव के आधार के रूप में शामिल करने पर विचार करे. अदालत ने जोड़ा कि अक्षम लोगों के प्रति किसी भी अप्रत्यक्ष भेदभाव को समानता को बनाए रखने के लिए हटाया जाना चाहिए.