दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा 57 वर्ष के थे. उनका 90 प्रतिशत शरीर काम नहीं करता था. माओवादियों से कथित संबंध के आरोप में उन्हें 10 साल जेल में बिताने पड़े थे और इसी साल मार्च में अदालत ने उन्हें आरोपों से मुक्त किया था.