लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ़्तारी के बाद विपक्ष के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि विपक्ष से लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की बजाय भाजपा जांच एजेंसियों की आड़ से चुनाव लड़ना चाहती है.
दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी द्वारा नौंवी बार तलब किए जाने के बाद गुरुवार रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस कार्रवाई पर कहा कि अहंकारी भाजपा, विपक्ष को हर तरह से चुनाव के पहले ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है.
वीडियो: आम आदमी पार्टी का आरोप है कि अगर कांग्रेस के साथ उसका गठबंधन हुआ तो अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार कर लिया जाएगा. ठीक इसी समय कांग्रेस के बैंक खातों को भी फ्रीज़ करने की ख़बर आई है. क्या यह भाजपा के संयुक्त विपक्षी मोर्चे से डर का संकेत है? द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजॉय आशीर्वाद का नज़रिया.
वीडियो: भाजपा को बड़ा झटका देते हुए बीते 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के कुलदीप कुमार को शहर के नगर निगम का वैध रूप से निर्वाचित मेयर घोषित कर दिया. इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी पर मत-पत्रों में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था.
सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी और भाजपा के चंडीगढ़ अल्पसंख्यक सेल के पूर्व महासचिव अनिल मसीह के ख़िलाफ़ जांच का आदेश दिया, साथ ही कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत में झूठ बोला था. बीते 30 जनवरी को मसीह ने आठ मत-पत्रों को अवैध घोषित कर दिया था और जिससे अब इस्तीफ़ा दे चुके भाजपा से मेयर मनोज सोनकर की जीत हो गई थी.
वोटों में गड़बड़ी के आरोपों के बीच भाजपा के मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत दर्ज की थी. हालांकि मामले की सुनवाई से एक दिन पहने उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया. अब चुनाव के पीठासीन अधिकारी ने मत-पत्रों पर निशान बनाने की बात स्वीकार की, जिसे बाद में उन्होंने अवैध घोषित किया था. सीजेआई ने कहा कि उन पर मुक़दमा चलाया जाना चाहिए.
पिछले महीने मेयर पद पर भाजपा के मनोज सोनकर का चुनाव पीठासीन अधिकारी द्वारा वोट में गड़बड़ी के आरोपों के बीच हुआ था. 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई होनी थी. इधर आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से उसकी कुल संख्या बढ़कर 19 हो गई है, जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन के सिर्फ़ 17 सदस्य रह गए हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित कुल प्राप्त दान (20,000 रुपये से अधिक) की राशि 12,167 चंदों से 850.438 करोड़ रुपये थी, जिसमें से भाजपा को 719.858 करोड़ रुपये मिले. भाजपा को 2022-23 में चुनावी बॉन्ड से 1,294.14 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो कांग्रेस से सात गुना अधिक था.
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हरियाणा के जिंद में आम आदमी पार्टी की एक जनसभा के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता ने अन्य सभी पार्टियों को परखा है और इन पार्टियों ने केवल अपना ख़जाना भरा है. हरियाणा एक ‘बड़े बदलाव’ की तलाश में है, क्योंकि राज्य के लोग सभी पार्टियों से ‘तंग’ आ चुके हैं.
सनबर्न ईडीएम एक लोकप्रिय इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूज़िक आधारित फेस्टिवल है, जिसका आयोजन उत्तरी गोवा के वागाटोर में हुआ. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस फेस्टिवल के आयोजकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग करते हुए दावा किया है कि उन्होंने भगवान शिव का अपमान किया है.
आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश में 66, राजस्थान में 85 और छत्तीसगढ़ में 54 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन हर सीट पर उसे हार मिली. पार्टी तीनों राज्यों में से किसी में भी 1% वोट हासिल करने में विफल रही, जो नोटा विकल्प से भी कम वोट हैं.
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यह मामला 40 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है. इस संबंध में आम आदमी पार्टी विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा और तारा कॉरपोरेशन लिमिटेड सहित अन्य के ख़िलाफ़ पंजाब के लुधियाना स्थित बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा की शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया है.
जब पत्रकारिता सांप्रदायिकता की ध्वजवाहक बन जाए तब उसका विरोध क्या राजनीतिक के अलावा कुछ और हो सकता है? और जनता के बीच ले जाए बग़ैर उस विरोध का कोई मतलब रह जाता है? इस सवाल का जवाब दिए बिना क्या यह समय बर्बाद करने जैसा नहीं है कि 'इंडिया' गठबंधन का तरीका सही है या नहीं.