अपना पानी, अपनी बानी, मांग रहा है हिंदुस्तानी

शासक अगर दंभपूर्वक यह कहे कि वह आपको 5 किलो अनाज पर ज़िंदा रखता है तो यह जनता का अपमान है. जनता लाभार्थी नहीं, उत्पादक और सर्जक है. उसे अपनी रोटी खाने का सुख चाहिए. काम का हक़ चाहिए. हिंदी कविता में जनतंत्र का उत्सव मनाती इस श्रृंखला की पांचवी क़िस्त.

‘अग्निवीरों’ का नया निशान: लोहा, लकड़ी और किराने की दुकान

मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में सेना में जाने की लम्बी परम्परा रही है. मसलन, अब तक हर भर्ती में मुरैना के काजी बसई गांव के 4-5 युवक सेना में चुने जाते थे. अग्निपथ योजना आने के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि गांव से कोई नहीं चुना गया. सेना की भर्ती पर निर्भर रहते आये ये युवक अब अनजाने काम खोज रहे हैं.

कर्नाटक: यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना के पिता एचडी रेवन्ना अपहरण मामले में गिरफ़्तार

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पुत्र होलेनरासीपुर विधायक एचडी रेवन्ना की गिरफ़्तारी 2 मई को उनके और उनके सहयोगी के ख़िलाफ़ होलेनरासीपुर थाने में दर्ज किए गए एक महिला के अपहरण से संबंधित मामले में हुई है. इससे पहले, उनके और उनके सांसद बेटे प्रज्वल रेवन्ना पर ढेरों महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है.

जम्मू-कश्मीर: पुंछ में भारतीय वायुसेना के क़ाफ़िले पर आतंकी हमले में एक जवान शहीद, 4 घायल

शहीद की पहचान कॉरपोरल विक्की पहाड़े के रूप में हुई है. हमला शनिवार शाम करीब छह बजे हुआ जब पुंछ के सुरनकोट इलाके में भारतीय वायुसेना के जवानों का क़ाफ़िला आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले की चपेट में आ गया.

‘कथाकहन मेरी जिज्ञासा, जरूरत और जिद का परिणाम है’

कथा-लेखन की इस वार्षिक कार्यशाला ने बहुत कम समय में अपनी जगह बना ली है, और इस भ्रान्ति को भी तोड़ दिया है कि लेखकीय प्रतिभा जन्मजात होती है, उसे सिखाया नहीं जा सकता.

जानने और नकारने का अधिकार

जानना पहली सीढ़ी है. उसके सहारे या उसके बल पर जनतंत्र का रास्ता खुलता है. सत्ता के निर्णय की जांच करने और उसे नकारने का अधिकार जन को जन बनाता है.
हिंदी कविता में जनतंत्र की उपस्थिति को रेखांकित करती इस श्रृंखला की चौथी कड़ी.

बीते साल भर में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विभिन्न राज्यों के 162 दौरे किए, पर मणिपुर नहीं गए 

बीते वर्ष 3 मई से मणिपुर में शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 विदेश दौरे भी किए हैं. मई 2023 से अप्रैल 2024 के बीच उन्होंने राजस्थान के सबसे ज्यादा दो दर्जन दौरे किए, वहीं 22 बार मध्य प्रदेश भी गए.

मुंबई: बीएमसी अस्पताल में फोन की टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी, महिला व शिशु की मौत

मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा संचालित एक अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा सेलफोन टॉर्च का उपयोग करके सिजेरियन डिलीवरी करने के बाद एक गर्भवती और उसके शिशुकी मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि प्रसूति गृह में बिजली चली गई और तीन घंटे तक जेनरेटर चालू नहीं किया गया.

मणिपुर हिंसा के साल भर बाद भी पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए हथियारों की बरामदगी नहीं

मणिपुर में पिछले साल 3 मई को जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से पुलिस शस्त्रागारों से बार-बार हथियारों की लूट देखी गई थी, जिनके सरेंडर के लिए बार-बार अपील किए जाने और बरामदगी के लिए अभियान चलाए जाने के बावजूद भी कई हथियार अभी भी ग़ैरक़ानूनी तत्वों के हाथों में है.

रोहित वेमुला केस में क्लोज़र रिपोर्ट देने के बाद तेलंगाना पुलिस ने ‘और जांच’ की बात कही

रोहित वेमुला आत्महत्या मामले में तेलंगाना पुलिस की क्लोज़र रिपोर्ट में सभी आरोपियों को ‘क्लीन चिट’ दी गई है. साथ ही ये दावा किया गया कि रोहित वेमुला दलित नहीं थे और उन्होंने अपनी ‘असली पहचान’ ज़ाहिर हो जाने के डर से आत्महत्या की थी.

हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में कनाडा पुलिस ने तीन भारतीयों को गिरफ़्तार किया

जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद में दावा किया था कि इसके पीछे भारत सरकार के खुफिया एजेंटों का हाथ था.

उत्तराखंड: अल्मोड़ा के जंगलों में आग की चपेट में आने से तीन श्रमिकों की मौत

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक पाइन रेजिन फैक्ट्री में तीन मज़दूरों की जंगल की आग को बुझाने के दौरान झुलसने से मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल है. पिछले साल 1 नवंबर से अब तक उत्तराखंड में जंगल में आग लगने की 868 घटनाएं हुई हैं, जिसमें 1,000 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि नष्ट हो गई है. 

कांग्रेस द्वारा ‘मुस्लिमों को सरकारी ठेके में आरक्षण’ का प्रधानमंत्री मोदी का दावा झूठा है

फैक्ट चेक: कांग्रेस के घोषणापत्र को सायास नज़रअंदाज़ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदू मतदाताओं को मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़का रहे हैं.  

भारत इज़रायल से आखिर क्या सीख रहा है?

अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी कहा था कि ‘अरबों की जिस ज़मीन पर इज़रायल क़ब्ज़ा करके बैठा है वह उसे खाली करनी होगी.’ उस विवेक से हम ऐसी संस्कृति तक आ पहुंचे हैं, जहां अमानवीय इज़रायली हिंसा के बावजूद भारतीय जनमानस का एक बड़ा हिस्सा उसके प्रति चुप्पी या समर्थन का भाव रखे हुए है.

कविता का हस्तक्षेप

हर राजनीतिक दल जनता को जागरूक करना चाहता है. लेकिन अगर ‘पब्लिक’ सब जानती है तो उसे जागरूक करने की आवश्यकता ही क्यों हो?