उत्तर प्रदेश में अयोध्या ज़िले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के आसन्न उपचुनाव में भदरसा कस्बे की एक नाबालिग से कथित गैंगरेप के मामले को दूसरे चुनावी मुद्दों पर हावी करने की कोशिशें ख़त्म होने को ही नहीं आ रहीं, जबकि भदरसा मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा भी नहीं है.
भारत घूमने आए एक विदेशी दंपत्ति ने झारखंड के दुमका में उनके साथ मारपीट और महिला से गैंगरेप का आरोप लगाया है. इस संदर्भ में भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर की गई एक टिप्पणी को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने 'देश को बदनाम' करने की कोशिश बताया है.
घटना दुमका के हंसडीहा थानाक्षेत्र के कुरुमाहाट गांव के पास एक जंगल में हुई, जहां अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर भारत घूमने निकलीं 30 वर्षीय स्पेनिश महिला अस्थायी टेंट लगाकर रुकी थीं. दुमका एसपी के अनुसार, मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और बाक़ी की तलाश जारी है.
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उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव बलात्कार मामले की सर्वाइवर ने पुलिस में अपनी मां, छोटी बहन, चाचा और एक अन्य के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि उन्होंने सरकार और विभिन्न एनजीओ से उन्हें मिले पैसे हड़प लिए हैं और दिल्ली में सरकार द्वारा दिए गए घर से उन्हें बाहर निकाल दिया है.
2018 में उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके लिए दो पुलिसकर्मियों- अशोक सिंह भदौरिया और कामता प्रसाद को दोषी ठहराते हुए साल 2020 में दिल्ली की तीस हज़ारी अदालत ने दस साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी.
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, घटना चूड़ाचांदपुर ज़िले में 3 मई को घटित हुई थी. पीड़िता ने 9 अगस्त को बिष्णुपुर थाने में जीरो एफआईआर में दर्ज कराई है, जिसे चूड़ाचांदपुर स्थानांतरित कर दिया गया है.
मध्य प्रदेश के दतिया ज़िले का मामला. पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद भाजपा नेता के बेटे को गिरफ़्तार कर लिया, जबकि तीन अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. बलात्कार की घटना के बाद एक बहन ने आत्महत्या की कोशिश की, उसका इलाज झांसी के एक अस्पताल में चल रहा है.
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उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में सितंबर 2013 में हुए दंगों के दौरान तीन लोगों पर एक महिला से सामूहिक बलात्कार का आरोप लगा था. इनमें से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी. अब अन्य दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए निचली अदालत ने बीस-बीस साल की क़ैद और जुर्माने की सज़ा सुनाई है.
घटना उन्नाव की है. ख़बरों के अनुसार, फरवरी 2022 में सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई नाबालिग दलित लड़की ने एक बेटे को जन्म दिया था. पीड़िता की मां के अनुसार, बलात्कार का मामला वापस लेने से इनकार करने के बाद ज़मानत पर बाहर दो आरोपियों ने बच्चे को ख़त्म करने के उद्देश्य से उनके घर में आग लगा दी.
14 सितंबर 2020 को हाथरस में कथित तौर पर ऊंची जाति के चार युवकों ने 19 साल की एक दलित युवती का बलात्कार किया था. 29 सितंबर 2020 को दिल्ली में इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई थी. हाथरस की एक विशेष अदालत ने चार में से एक आरोपी को ग़ैर-इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है.
दिल्ली की एक महिला के साथ ग़ाज़ियाबाद में गैंगरेप होने संबंधी एक ख़बर 19 अक्टूबर को सुर्खियों में थी. इस संबंध में पांच मुस्लिम आरोपियों को कथित तौर पर गिरफ़्तार किए जाने की भी बात सामने आई थी, जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद ने आरोपियों को ‘इस्लामिक सेक्स गैंग’ का हिस्सा बताया था.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की दर (प्रति 1 लाख जनसंख्या पर घटनाओं की संख्या) 2020 के 56.5 प्रतिशत से बढ़कर 64.5 प्रतिशत हो गई. वहीं 20 लाख से ज़्यादा आबादी वाले महानगरों में दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित रहा.
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले के पहाड़ी थाना क्षेत्र का मामला. पुलिस ने बताया कि घटना के वक़्त दलित लड़की अपने घर के बाहर परिजनों के साथ सो रही थी. आधी रात में तीन में से दो आरोपी उसे उठाकर ले गए और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था. रविवार को पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाने से लड़की की मौत की पुष्टि हुई है.