द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी के भारत सरकार द्वारा दबाव डालने की बात को केंद्र ने झूठा बताया है. इस पर पूर्व आईटी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि डोर्सी के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है, लेकिन ऐसा करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास हर वजह है.
ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी ने कहा है कि इस सोशल मंच को किसान आंदोलन को कवर करने और सरकार की आलोचना करने वाले एकाउंट को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार से ‘कई अनुरोध’ प्राप्त हुए थे.
जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के पत्रकारों के एक दूसरे के यहां काम को लेकर को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है.
नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक भित्तिचित्र की एक तस्वीर को ट्वीट कर कथित रूप से ‘अखंड भारत’ बताया था. इसके विरोध में नेपाल में प्रदर्शन हुए थे. पाकिस्तान ने भी इस पर आपत्ति जताई थी.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: रज़ा की पचास सालों से अधिक पहले रची गई कृतियों में न सिर्फ़ एकांत है पर एक तरह की सौम्य शास्त्रीय आभा भी है. यह आभा उनके सजग रूप से भारतीय होने भर से नहीं आई है- इसके पीछे अपने को प्रचलित अभिप्रायों से दूर रहकर अपने सच की एकांत साधना करने जैसा कुछ है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने लंदन में दिए गए राहुल गांधी के बयानों का बचाव करते हुए कहा कि देश के आतंरिक मुद्दों पर विदेश में चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ने की थी. प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर ही कहा था कि पिछले 60 वर्षों में भारत में कुछ भी अच्छा नहीं हुआ है.
नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसके एक भित्तिचित्र की एक तस्वीर ट्वीट कर इसे कथित रूप से ‘अखंड भारत’ बताया था. इसका विरोध करते हुए नेपाल में प्रदर्शन किए गए हैं. पाकिस्तान ने भी इस पर आपत्ति जताई है.
वीडियो: केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के कई प्रवक्ता विभिन्न मंचों पर अपनी सफलताओं का बयान करते हुए इस अवधि को 'नव निर्माण का काल' बता रहे हैं. सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के इन दावों में क्या कोई सच्चाई है?
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1980 के दशक के बाद पहली बार भारत में चीन का कोई रिपोर्टर नहीं है. सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी और चाइना सेंट्रल टेलीविजन के अंतिम दो पत्रकारों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है. चीन ने कहा है कि अपने मीडिया संगठनों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी उपाय करने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं है.
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भारत द्वारा चीन की सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी के एक पत्रकार को बीते 31 मार्च तक देश छोड़ने के लिए कहने के बाद चीन ने तीन भारतीय पत्रकारों के वीज़ा पर रोक लगा दी है. 1980 के दशक के बाद यह पहली बार है कि भारत में चीन का कोई रिपोर्टर नहीं है.
अमेरिकी साइबर सुरक्षा प्रदाता कंपनी सोनिकवॉल के एशिया-प्रशांत और जापान के उपाध्यक्ष देबाशीष मुखर्जी ने कहा है कि अन्य क्षेत्रों में मैलवेयर हमलों में कमी आई है लेकिन भारत में वे चिंताजनक रूप से उच्च स्तर पर बने हुए हैं.
रामगढ़ ज़िले में एक सरकारी स्कूल में बच्चों को प्रेरित करने के उद्देश्य से 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार की विजेता और पाकिस्तान की समाजसेवी मलाला यूसुफ़ज़ई की तस्वीर वाले पोस्टर से लगाए गए थे. हालांकि, ग्रामीणों ने इसका यह कहकर विरोध किया कि उन्हें किसी पाकिस्तानी से सीखने की ज़रूरत नहीं है.