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पैगंबर मोहम्मद बयान: खाड़ी देशों द्वारा निंदा के बाद केंद्रीय मंत्री बोले- सरकार पर असर नहीं

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भाजपा की अपदस्थ प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी का केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि वे सरकारी पदाधिकारी नहीं थीं. उन्होंने यह भी कहा कि बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देने वाले देशों के साथ अच्छे संबंध बने रहेंगे.

पैगंबर मोहम्मद पर बयान: कई और देशों द्वारा निंदा जारी, ओमान, इंडोनेशिया ने राजनयिक समन किए

भाजपा नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के पैगंबर मोहम्मद के बारे में दिए गए बयान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना जारी है. खाड़ी देशों के बाद मालदीव, ओमान, इंडोनेशिया, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, लीबिया जैसे देशों ने भी विवादित टिप्पणी को लेकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है.

मालदीव ने ‘भारत विरोधी’ अभियान पर प्रतिबंध लगाया, सुरक्षा एजेंसियों को कार्रवाई की अनुमति

मालदीव के विपक्षी दल प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव के प्रमुख पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन बीते लगभग एक साल से ‘इंडिया आउट’ अभियान की अगुवाई कर रहे थे. यह अभियान इस अप्रमाणित दावे की वजह से चल रहा था कि यहां भारतीय सैन्य अधिकारियों की तैनाती मालदीव की संप्रभुता का उल्लंघन है. मालदीव के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने बार-बार इस द्वीपीय देश में भारतीय सेना की मौजूदगी से इनकार किया है.

भारत के अनुरोध पर मालदीव ने स्थानीय मीडिया से राजनयिकों के ख़िलाफ़ झूठी ख़बर न छापने को कहा

भारतीय उच्चायोग ने बीते 24 जून को मालदीव के विदेश मंत्रालय को एक नोट भेजा था, जिसमें वहां तैनात राजनयिक कर्मचारियों की गरिमा पर हमला करने वाले दुर्भावनापूर्ण समाचार लेखों और सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में शिकायत की गई थी.

भारत में राजनीतिक शरण लेने आए मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति को स्वदेश वापस भेजा गया

तमिलनाडु की तूतीको​रिन पुलिस ने बताया था कि मालदीव के नेता अहमद अदीब अब्दुल गफूर को भारत में प्रवेश की इसलिए इजाजत नहीं दी गई, क्योंकि उनके पास वैध दस्तावेज़ भी नहीं था.

राजनीतिक गतिरोध के बीच मालदीव में आपातकाल, पूर्व राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट के दो जज गिरफ़्तार

पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से सैन्य हस्तक्षेप की मांग की. भारत और चीन ने अपने नागरिकों से मालदीव की यात्रा टालने को कहा है. अमेरिका ने राष्ट्रपति से क़ानून का सम्मान करने की अपील की.

दक्षिण एशिया उपग्रह: अंतरिक्ष कूटनीति की यह जीत हाथी पालने के बराबर तो नहीं?

इसमें संदेह नहीं कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की क्षमताएं उच्च स्तर की हैं, इसके बावजूद कई संचार उपग्रह जैसे एडुसैट कई साल बाद भी अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सका है.