जम्मू-कश्मीर: ग्रेनेड हमले में यूपी के दो मज़दूरों की मौत, लश्कर का आतंकी गिरफ़्तार

जम्मू कश्मीर के शोपियां ज़िले में हुए ग्रेनेड हमले में उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले दो मज़दूरों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान मनीष कुमार और राम सागर के रूप में हुई है. बीते 15 अक्टूबर को शोपियां में ही कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट्ट की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

कश्मीर घाटी से स्थानांतरण की मांग को लेकर कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन 70वें दिन भी जारी

कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की बीते 12 मई को आतंकियों द्वारा की गई हत्या के बाद से समुदाय के लोगों द्वारा कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर धरना प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारियों ने जम्मू कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार से अपील की है कि उन्हें घाटी से बाहर भेजा जाए और जब तक सरकार इसके लिए क़दम नहीं उठाएगी, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

जम्मू कश्मीर: अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पांच कश्मीरी पंडित, 16 हिंदू/सिख समेत 118 लोग मारे गए

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि 5 अगस्त, 2019 से 9 जुलाई, 2022 तक जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के 128 जवान और 118 नागरिक मारे गए हैं. इन 118 लोगोंं में पांच कश्मीरी पंडित और 16 अन्य हिंदू/सिख समुदाय के थे.

हैदरपोरा एनकांउटर में मृत तीसरे नागरिक के शव निकालने की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीते 27 मई को अधिकारियों से मोहम्मद लतीफ़ माग्रे की मौजूदगी में हैदरपोरा एनकाउंटर में मृत उनके बेटे आमिर के अवशेषों को निकालने का आदेश दिया था. हालांकि छह जून को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस पर रोक लगा दी थी. आमिर उन चार लोगों में से एक थे, जो नवंबर 2021 को श्रीनगर के हैदरपोरा में एनकाउंटर में मारे गए थे. इनमें से दो लोगों के शव विरोध के बाद उनके परिजनों

कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का घाटी से स्थानांतरित किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी

कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने घाटी से स्थानांतरित किए जाने की मांग को लेकर बुधवार को जम्मू में राहत और पुनर्वास आयुक्त के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने कहा कि हमारे ख़ून, बच्चों को अनाथ होने और पत्नियों को विधवा करने की कीमत पर हमारा पुनर्वास न करें. एकमात्र समाधान घाटी के बाहर कहीं भी स्थानांतरित करना है.

सरकार ने मांग न मानी तो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील करेंगे: कश्मीरी पंडित

कश्मीर घाटी में आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों समेत अल्पसंख्यक समुदाय के ग़ैर-मुस्लिमों को निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं के विरोध में लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रधानमंत्री पैकेज के तहत भर्ती किए गए कर्मचारी घाटी से कहीं और बसाए जाने की मांग कर रहे हैं.

कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने घाटी से बाहर स्थानांतरित करने की मांग दोहराई

ऑल माइग्रेंट्स एम्प्लॉइज़ एसोसिएशन कश्मीर के बैनर तले सैकड़ों महिला एवं पुरुष कर्मचारी जम्मू स्थित प्रेस क्लब के बाहर जमा हुए. उन्होंने तख्तियां पकड़ी हुई थीं जिन पर लिखा था, ‘हमारे ख़ून की कीमत पर हमारा पुनर्वास न करें. हमारे बच्चे अनाथ हो रहे हैं. हमारी पत्नियां विधवा हो रही हैं. और सिर्फ एक ही समाधन है, घाटी के बाहर कहीं भी स्थानांतरण.’

जम्मू कश्मीर: तबादले की मांग को लेकर डोगरा और कश्मीरी पंडितों कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी

घाटी में निशाना बनाकर की जा रही हालिया हत्याओं के मद्देनज़र कश्मीर में तैनात डोगरा और कश्मीरी पंडित दोनों समुदायों के कर्मचारियों का तबादला किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि घाटी में सुरक्षा स्थिति सुधरने तक उन्हें अस्थायी रूप से जम्मू स्थानांतरित कर देना चाहिए.

कश्मीरी पंडितों को घर छोड़ने को मजबूर किया जा रहा, भाजपा से कश्मीर नहीं संभल रहा: केजरीवाल

जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लगातार हो रही हत्या के विरोध में विभिन्न दलों ने भाजपा नीत केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि घाटी के राजनीतिक दलों को इन हत्याओं के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है. जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ़ बुख़ारी ने कहा कि अगर इन हत्याओं को बंद नहीं किया गया तो यह शर्म की बात होगी. शिवसेना नेता संजय राउत ने

कश्मीर में तैनात डोगरा कर्मचारियों ने जम्मू में किया प्रदर्शन, घाटी में काम पर जाने से इनकार

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम ज़िले में बीते 31 मई को एक सरकारी स्कूल में आतंकवादियों द्वारा शिक्षक रजनी बाला की हत्या किए जाने के बाद कश्मीर में कार्यरत अधिकतर डोगरा कर्मचारी जम्मू लौट आए हैं. कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें कश्मीर घाटी से स्थानांतरित कर जम्मू क्षेत्र के उनके गृह जिलों में तैनात किया जाए. इस बीच भाजपा ने रविवार को डोगरा और कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे घाटी छोड़कर न जाएं.

अल्पसंख्यकों को सुरक्षित स्थान पर भेजने की मांग लेकर कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति कोर्ट पहुंची

जम्मू कश्मीर में हाल के दिनों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को घाटी से बाहर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का सरकार को निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. समिति का कहना है कि कश्मीर में रहने वाले हिंदू घाटी छोड़ना चाहते हैं, लेकिन सरकार उन्हें ऐसा करने नहीं दे रही है.

जम्मू कश्मीर: नागरिकों की हत्याओं के बीच कश्मीरी पंडितों में डर, कई परिवारों ने घाटी छोड़ी

कश्मीर घाटी में लगातार आतंकवादियों द्वारा नागरिकों और ग़ैर-मुस्लिमों को निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं के बीच भयभीत कश्मीरी पंडित समुदाय के लोग घाटी छोड़कर जा रहे हैं या इसकी योजना बना रहे हैं. ख़बरों के अनुसार, कश्मीर में उनके कई रिहायशी शिविरों में उन्हें प्रशासन द्वारा जबरन रोका जा रहा है.

जम्मू कश्मीर: बैंक कर्मी के बाद आतंकियों ने दो प्रवासी मज़दूरों को गोली मारी, एक की मौत

मज़दूरों पर हमले की यह घटना बडगाम ज़िले में हुई. जम्मू कश्मीर में इस सप्ताह में नागरिकों पर हुआ यह तीसरा हमला है. इससे पहले आतंकवादियों ने मंगलवार को कुलगाम ज़िले में एक शिक्षिका और गुरुवार को ही एक बैंककर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. ग़ैर-मुस्लिमों के ख़िलाफ़ बढ़ते हमलों के विरोध में सूबे के कई ज़िलों में प्रदर्शन हुए हैं. ख़बरों के मुताबिक़, हिंदुओं के कुछ समूह घाटी छोड़कर जा चुके हैं.

जम्मू कश्मीर: आतंकवादियों ने बैंक कर्मचारी को गोली मारी, तीन दिन में दूसरी लक्षित हत्या

जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि कुलगाम ज़िले में आतंकवादियों ने राजस्थान के रहने वाले और इलाकाई देहाती बैंक के कर्मचारी विजय कुमार को बैंक परिसर के अंदर गोली मार दी. अस्पताल ले जाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. मंगलवार को इसी ज़िले में आतंकियों ने एक शिक्षिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

जम्मू कश्मीर: शिक्षिका की हत्या के दूसरे दिन भी विरोध-प्रदर्शन जारी, प्रशासन का पुतला फूंका

मंगलवार को कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजनी बाला की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ऐसी लक्षित हत्याओं के ख़िलाफ़ कई ज़िलों में प्रदर्शन हो रहे हैं. पीएम पैकेज के तहत कार्यरत कश्मीरी पंडितों के एक समूह का कहना है कि अगर सरकार जल्द उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठाती है तो एक बार फिर सामूहिक पलायन होगा.