उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि बोर्ड इस साल मार्च से चार मदरसों में बदलाव लागू करेगा और बाद में इसे अपने अधीन सभी 117 मदरसों तक विस्तारित करेगा. उन्होंने कहा कि चार आधुनिक मदरसे मार्च से काम करना शुरू कर देंगे. वक़्फ़ बोर्ड फरवरी से इसके लिए योग्य शिक्षकों की तलाश शुरू कर देगा.
वीडियो: अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के मौक़े पर लगभग 300 युवाओं की टोली ने मुंबई के क़रीबी इलाकों में उन दुकानों पर हमला किया, जिनके नाम मुस्लिमों जैसे प्रतीत होते थे. उन दुकानों पर भी हमला हुआ, जिन्होंने भगवा झंडे नहीं लगा रखे थे. इसे लेकर स्थानीय भाजपा नेता पर उकसावे के आरोप लगे हैं.
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर लगभग 300 युवाओं की टोली ने मुंबई के क़रीबी इलाकों में उन दुकानों पर हमला किया, जिनके नाम मुस्लिमों जैसे प्रतीत होते थे. उन दुकानों पर भी हमला हुआ, जिन्होंने भगवा झंडे नहीं लगा रखे थे. पीड़ितों की ओर से पेश वकील ने द वायर को बताया कि काफी समझाने के बाद पुलिस ने चार मामलों में एफआईआर दर्ज की है.
वीडियो: राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर विभिन्न राज्यों में निकाली गई शोभायात्राओं में हुई झड़पों और यूपी में कम से कम दो मस्जिदों में जबरन घुसकर भगवा झंडे लगाने की घटनाओं पर बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
आगरा ज़िले में दीवान जी की बेगम शाही मस्जिद के मुतवल्ली का आरोप है कि 22 जनवरी को 1,000-1,500 लोग लाठी-डंडे लेकर जबरन मस्जिद में घुस गए, वहां भगवा झंडे लगाए और धार्मिक नारे भी लगाए गए. पुलिस का कहना है कि मामले में अब तक 11 लोगों गिरफ़्तार किया गया है. हालांकि उनकी पहचान नहीं बताई गई है.
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह और उसके बाद आने वाली बाहरी भीड़ से किसी गड़बड़ी की आशंका के चलते एक संगठन ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को लिखे पत्र में मुस्लिम आबादी वाले इलाकों के साथ-साथ अयोध्या के उन क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा की मांग की है, जहां 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सांप्रदायिक हिंसा देखी गई थी.
अयोध्या को भारत की, या कहें हिंदुओं की धार्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने का राज्य समर्थित अभियान चल रहा है. लोगों के दिमाग़ में 22 जनवरी, 2024 को 26 जनवरी या 15 अगस्त के मुक़ाबले एक अधिक बड़े और महत्त्वपूर्ण दिन के रूप में आरोपित करने को भरपूर कोशिश हो रही है.
अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर चौतरफा माहौल के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि ऐसे समय में जब आस्था और राजनीति के बीच की रेखाएं पहले से कहीं अधिक धुंधली हो गई हैं, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कैसे योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मठ की ‘समावेशिता की विरासत’ को ख़त्म कर दिया.
आज की अयोध्या में बहुसंख्यक सांप्रदायिकता के समक्ष आत्मसमर्पण और उसका प्रतिरोध न कर पाने की असहायता बढ़ती जा रही है. आम लोगों के बीच का वह स्वाभाविक सौहार्द भी, जो आत्मीय रिश्तों तक जाता था, अब औपचारिक हो चला है.
अगर हिंदू जनता को यह यक़ीन दिलाया जा सकता है कि यह मंदिर उसकी चिर संचित अभिलाषा को पूरा करता है तो इसका अर्थ है कि हिंदू मन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पूरी तरह कब्ज़ा हो चुका है.
पिछले साल अगस्त में उत्तर प्रदेश मुज़फ़्फ़रनगर के एक निजी स्कूल की शिक्षक तृप्ता त्यागी ने कथित तौर पर होमवर्क नहीं करने पर एक मुस्लिम छात्र को उसके हिंदू सहपाठियों से कक्षा में बार-बार थप्पड़ लगवाए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि सरकार ने वह नहीं किया, जो उससे करने की अपेक्षा की गई थी.
चार शंकराचार्यों ने राम मंदिर के आयोजन में शामिल होने से इनकार कर दिया है. उन्होंने ठीक ही कहा है कि यह धार्मिक आयोजन नहीं है, यह भाजपा का राजनीतिक आयोजन है. फिर यह सीधी-सी बात कांग्रेस या दूसरी पार्टियां क्यों नहीं कह सकतीं?
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: फ़िलिस्तीनी कविता में गवाही, हिस्सेदारी और ज़िम्मेदारी एक साथ है. यह कविता मातृभूमि को भूगोल भर में नहीं, कविता में बचाने की कोशिश और संघर्ष है. दुखद अर्थ में यह कविता मानो फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि ही होती जा रही है- वह ज़मीन जिस पर कब्ज़ा नहीं किया जा सकेगा.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग कहते हैं कि वे ‘लोकतंत्र’ के प्रति प्रतिबद्ध हैं, लेकिन साथ ही वे इसके सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए सुरक्षा उपायों को भी कमज़ोर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश को सद्भाव की ओर ले जाने वाले रास्ते क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और इसके परिणाम बढ़ते ध्रुवीकरण के रूप में देखे जा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को इसके जाति सर्वेक्षण डेटा का विवरण सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए कहा ऐसा इसलिए किया गया ताकि असंतुष्ट लोग निष्कर्षों को चुनौती दे सकें.