कर्नाटक में भाजपा की हार के चर्चे मध्य प्रदेश में क्यों हैं?

मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. कर्नाटक के चुनावी नतीजों के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व और राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार को सत्ता खोने का डर सता रहा है. हालांकि, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के जातीय, सामाजिक और राजनीतिक समीकरण एक-दूसरे से पूर्णत: भिन्न हैं.

राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई सबूत है कि उन्होंने भाजपा की कमज़ोर नस को दबा दिया है

राहुल गांधी का चीनी घुसपैठ और अडानी विवाद को उठाना भाजपा की सबसे बड़ी ताक़तों- राष्ट्रवाद और भ्रष्टाचार मुक्त छवि- पर चोट करता है. पहली बार है, जब भाजपा ने राहुल के हमलों के जवाब में ‘पप्पू’ कहकर मज़ाक नहीं बनाया. महीनेभर में राहुल को जिस तरह से घेरा गया, वह दिखाता है कि यह बौखलाई हुई है.  

भगत सिंह जानते थे कि असमानता व भेदभाव पर आधारित शोषण निठल्ले चिंतन से ख़त्म नहीं होंगे

विशेष: भगत सिंह चाहते थे कि स्वतंत्र भारत प्रगतिशील विचारों पर आधारित ऐसा देश बने, जिसमें सबके लिए समता व सामाजिक न्याय सुलभ हो. ऐसा तभी संभव है, जब उसके निवासी ऐसी वर्गचेतना से संपन्न हो जाएं, जो उन्हें आपस में ही लड़ने से रोके. तभी वे समझ सकेंगे कि उनके असली दुश्मन वे पूंजीपति हैं, जो उनके ख़िलाफ़ तमाम हथकंडे अपनाते रहते हैं.

आज धूमिल जीवित होते तो देशद्रोही के ख़िताब से ज़रूर नवाज़े गए होते…

जन्मदिन विशेष: जिस धूमिल ने देश की व्यवस्था की कमज़ोरियों और नागरिकों से उसकी दूरी को इतना ‘नंगा’ किया, आज उस देश में धूमिल जैसे स्वर के लिए कितनी जगह बची है?

भाजपा से ज़्यादा हिंदुत्ववादी होकर क्या पाएगी आम आदमी पार्टी

कई जानकार कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल के नोट-राग ने ज़रूरी मुद्दों व जवाबदेहियों से देशवासियों का ध्यान भटकाकर लाभ उठाने में भाजपा की बड़ी मदद की है. ये जानकार सही सिद्ध हुए तो केजरीवाल की पार्टी की हालत ‘माया मिली न राम’ वाली भी हो सकती है.

भगत सिंह: वो चिंगारी जो ज्वाला बनकर देश के कोने-कोने में फैल गई थी…

अगस्त 1929 में जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर में हुई एक जनसभा में उस समय जेल में भूख हड़ताल कर रहे भगत सिंह और उनके साथियों के साहस का ज़िक्र करते हुए कहा कि ‘इन युवाओं की क़ुर्बानियों ने हिंदुस्तान के राजनीतिक जीवन में एक नई चेतना पैदा की है... इन बहादुर युवाओं के संघर्ष की अहमियत को समझना होगा.’

आरएसएस आज चाहे जो भी कहे, सच यही है कि संघ देश की आज़ादी की लड़ाई का हिस्सा नहीं था

स्वतंत्रता संग्राम के समय मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा दोनों ही कांग्रेस को अपने मुख्य दुश्मन के तौर पर देखते थे और अंग्रेज़ों के साथ दोस्ती करने के लिए तैयार थे- वे साथ ही साथ राष्ट्रवादी होने का दावा भी करते थे. हालांकि, एक मुस्लिम राष्ट्रवाद को आगे बढ़ा रहा था और दूसरा हिंदू राष्ट्रवाद को.

क्या अब अभद्रता पद और सत्ता के लिए ज़रूरी हो चली है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हमारा समय दुर्भाग्य से ऐसा हो गया है कि राजनेता किसी को कुछ भी कह सकते हैं, अभद्रता और अज्ञान से. उनके अनुयायियों की भावनाएं इस अभद्रता से आहत नहीं होतीं.

आज़ादी या बंटवारा: ये वो सहर तो नहीं, जिसकी आरज़ू लेकर चले थे…

आज़ादी ने हमें लोकतंत्र दिया, जबकि नस्लीय राष्ट्रवाद का परिणाम बंटवारा था, जिसने अपने पीछे खून से लथपथ सांप्रदायिक हिंसा के निशान छोड़े. बेशक राष्ट्रवाद अच्छा है- लेकिन इसने नस्लीय अल्पसंख्यकों, कमज़ोरों और जिन्हें यह अपने यहां का नहीं मानता है, के लिए ख़तरे खड़े किए हैं.

हरियाणा में कार्ड धारकों को 20 रुपये में राष्ट्रीय ध्वज ख़रीदने के बाद ही राशन देने का आरोप

हरियाणा के करनाल ज़िले में ये मामला सामने आने के बाद राहुल गांधी ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें कुछ राशनकार्ड धारकों को यह शिकायत करते हुए देखा जा सकता है कि उन्हें 20 रुपये में तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है. भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि तिरंगे की कीमत ग़रीब का निवाला छीनकर वसूलना शर्मनाक है. वहीं केंद्र ने कहा है कि उसने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है.

भाजपा राष्ट्रवाद का उपदेश देती है, पर आतंक के आरोपियों के इससे संबंध का पता चला है: कांग्रेस

23 शहरों में संवाददाता सम्मेलन कर कांग्रेस ने भाजपा के आतंकवादियों के साथ कथित ‘संबंधों’ का खुलासा करने वाली कई घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल किया कि भाजपा नागरिकों को राष्ट्रवाद का पाठ कैसे पढ़ाती है. पार्टी ने कहा कि उदयपुर और अमरावती में हुई हत्याओं सहित कई अन्य अपराधों में पकड़े गए व्यक्ति भगवा पार्टी से जुड़े थे.

नरेंद्र मोदी के आठ साल के कार्यकाल का सार- बांटो और राज करो

'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' और 'सबका साथ-सबका विकास' सरीखे नारे देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने शासन में इस पर अमल करते नज़र नहीं आते हैं.

नफ़रत, कट्टरता, असहिष्णुता और झूठ हमारे देश को निगलते जा रहे हैं: सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक अंग्रेज़ी अख़बार के लिए लिखे अपने लेख में कहा है कि भारतीयों को भारतीयों के ख़िलाफ़ ही खड़ा करने की कोशिश की जा रही है. सत्तासीन लोगों की विचारधारा के विरोध में सभी असहमतियों और राय को बेरहमी से कुचलने की कोशिश की जाती है. राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जाता है और उनके ख़िलाफ़ पूरी सरकारी मशीनरी की ताकत झोंक दी जाती है.

भगत सिंह को राजनीतिक उपभोक्तावाद का शिकार बनाने की होड़ का नतीजा क्या होगा

भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों व छवियों के स्वार्थी अनुकूलन की क़वायदों को सम्यक चुनौती नहीं दी गई तो आने वाली पीढ़ियों की उनके सच्चे क्रांतिकारी व्यक्तित्व व कृतित्व से साक्षात्कार की राह में दुर्निवार बाधाएं और अलंघ्य दीवारें खड़ी हो जाएंगी.

संयुक्त राष्ट्र को हिंदुओं, सिखों, बौद्धों के ख़िलाफ़ भय को पहचानना चाहिएः भारत

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ग्लोबल काउंटर टेररिज़्म काउंसिल द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि क्रिश्चियनफोबिया, इस्लामोफोबिया, यहूदी फोबिया की तरह ही हिंदूफोबिया को भी पहचानने की ज़रूरत है ताकि ऐसे मामलों पर चर्चा के लिए संतुलन लाया जा सके.