2018 से दलितों पर हमले के क़रीब 1,89,000 मामले दर्ज किए गए: केंद्र

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने संसद में एक सवाल के जवाब में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले चार वर्षों में दलित समुदाय के ख़िलाफ़ अपराध के कम से कम 1,89,945 मामले दर्ज किए गए हैं.

गुजरात: पिछले पांच वर्षों में पुलिस हिरासत में सर्वाधिक 80 लोगों की मौत हुई

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संसद में पेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के बाद पिछले पांच साल में महाराष्ट्र में 76, मध्य प्रदेश में 49, उत्तर प्रदेश में 41, तमिलनाडु में 40, बिहार में 38, राजस्थान में 32, पंजाब में 31, पश्चिम बंगाल में 30 और दिल्ली में 29 लोगों की मौत हिरासत में हुई है.

पिछले पांच वर्षों में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के लगभग 98 लाख मामले दर्ज किए गए: सरकार

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता फ़ौज़िया ख़ान के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों का ब्योरा मांगा था और सरकार से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे क़दमों पर प्रकाश डालने का आग्रह किया था.

यूपी की जेलों में 75% से ज़्यादा क़ैदी अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी से हैं: सरकार

गृह मंत्रालय ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि 2021 तक उत्तर प्रदेश में 90,606 विचाराधीन क़ैदी थे, जिनमें से 21,942 अनुसूचित जाति, 4,657 अनुसूचित जनजाति और 41,678 ओबीसी वर्ग के थे. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्रालय ने यह भी बताया कि सज़ा पूरी होने के बाद जुर्माना राशि का भुगतान न करने के कारण 1,410 अपराधी देश की जेलों में बंद हैं.

यूपी: योगी आदित्यनाथ का छह सालों में कोई किसान आत्महत्या न होने का दावा ग़लत है

बीते सप्ताह लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते छह सालों में राज्य में किसी किसान ने आत्महत्या नहीं की है. हालांकि, आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि 2017 से 2021 के बीच राज्य में 398 किसानों और 731 खेतिहर मज़दूरों ने आत्महत्या की.

बीते पांच वर्षों में पुलिस हिरासत में मौत के सर्वाधिक मामले गुजरात में दर्ज किए गए: केंद्र

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया है कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच गुजरात में पुलिस हिरासत में 80 लोगों की मौत हुई है. इसके बाद महाराष्ट्र में 76, उत्तर प्रदेश में 41, तमिलनाडु में 40 और बिहार में 38 लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं.

2019-21 के बीच आत्महत्या करने वालों में दैनिक वेतन भोगियों और गृहिणियों की संख्या सर्वाधिक

सरकार ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से लोकसभा में बताया है कि वर्ष 2019-21 की तीन साल की अवधि में आत्महत्याओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. 2019 में 1,39123 लोगों ने आत्महत्या की थी, 2020 में यह 1,53,052 हो गई और 2021 में बढ़कर 1,64,033 हो गई.

नोटबंदी के बाद भी नकली नोटों की चुनौती बरक़रार, पांच साल में 245 करोड़ रुपये के जाली नोट बरामद

केंद्र सरकार ने 2016 में 1,000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इस फैसले का एक प्रमुख उद्देश्य जाली नोटों की समस्या को ख़त्म करना था. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2016 से 2021 के बीच 245.33 करोड़ के मूल्य के जाली नोट जब्त किए हैं. सबसे अधिक 92.17 करोड़ रुपये के जाली नोट 2020 में जब्त किए गए थे.

2019 से अब तब देश में साइबर अपराध की 6 लाख शिकायतें दर्ज की गईं: केंद्र

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में बताया कि देश में ‘सिटिज़न फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ अमल में आने के बाद से 12 दिसंबर, 2022 तक साइबर अपराध की छह लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं.

देश में वर्ष 2021 में प्रतिदिन औसतन 115 दिहाड़ी मज़दूरों, 63 गृहणियों ने आत्महत्या की: केंद्र

लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में 23,179 गृहणियों, 15,870 पेशेवर/वेतनभोगी व्यक्तियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से जुड़े 2,541 कर्मचारियों ने आत्महत्या की. इसी अवधि में 42,004 दिहाड़ी मज़दूरों, 5,563 खेतिहर मज़दूरों और व्यवसाय क्षेत्र के 12,055 लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आए हैं.

नकली शराब के सेवन से पिछले छह वर्षों में 7,000 लोगों की मौत: लोकसभा में पेश आंकड़े

एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि बिहार में वर्ष 2016 में लागू हुई शराबबंदी के बाद से पांच सालों में राज्य में कम से कम 20 ज़हरीली शराब की घटनाएं सामने आईं, जिनमें 200 से अधिक मौतें हुईं. अकेले 2021 में ही 9 घटनाएं हुईं और 106 लोगों की मौत हुई. इसके विपरीत, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पांच सालों में केवल 23 मौतें दिखाता है.

पिछले पांच साल में सांप्रदायिक हिंसा के 2,900 से अधिक मामले दर्ज हुए: सरकार

केरल की कांग्रेस नेता जेबी माथेर हीशम ने राज्यसभा में सरकार से मॉब लिंचिग से निपटने के लिए उठाए गए निवारक क़दमों का ब्योरा मांगा था. जिसके जवाब में सरकार की ओर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं का ब्योरा दिया गया. सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो भीड़ द्वारा हिंसा के संबंध में अलग से कोई आंकड़े नहीं रखता है.

बीते चार सालों में 22 हज़ार से ज़्यादा लोगों की बस हादसों में मौत, अकेले यूपी में क़रीब 5,000

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि 2018 से 2021 तक सड़क हादसों में हुईं कुल मौतों में बस यात्रियों की मौत का प्रतिशत क़रीब 3-4 फीसदी रहा है.

झारखंड: डायन बताकर तीन महिलाओं समेत चार लोगों को मल-मूत्र पिलाया, गर्म लोहे से दागा

मामला दुमका ज़िले के सरैयाहाट थानाक्षेत्र स्थित अस्वारी गांव का है. पुलिस ने बताया कि गांव के लोगों ने जादू-टोने का आरोप लगाकर तीन महिलाओं सहित एक ही परिवार के चार लोगों को गर्म लोहे की छड़ों से दागा और उन्हें मल-मूत्र पीने के लिए विवश किया गया.

देश में हर घंटे आत्महत्या कर रहा है एक किसान, केंद्र सरकार ज़िम्मेदार: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन अब वह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बहस कर रही है कि किसानों को लागत के 50 प्रतिशत से अधिक एमएसपी की पेशकश बाजारों को विकृत कर देगी.

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