देश की महिला क़ैदियों के बच्चे: वो दोषी नहीं हैं, लेकिन निरपराध ही सज़ा भुगत रहे हैं

विशेष रिपोर्ट: जेल में सज़ा काट रही महिला क़ैदियों के साथ रहने वाले बच्चों को तो तमाम परेशानियों का सामना करना ही पड़ता है, लेकिन वो जिन्हें मां से अलग कर बाहर अपने बलबूते जीने के लिए छोड़ दिया जाता है, उनके लिए भी परेशानियों का अंत नहीं होता.

बंगाल: आरटीआई ने बताया 122 किसानों ने आत्महत्या की, सरकार के रिकॉर्ड में ‘शून्य’

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 में पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर ज़िले में 122 किसानों और कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की. राज्य सरकार और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान इस ज़िले में ऐसी एक भी मौत नहीं हुई.

राष्ट्र के ख़िलाफ़ अपराध के लिए पिछले साल 5,100 से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2021 में राजद्रोह, शासकीय गोपनीयता अधिनियम और यूएपीए समेत राष्ट्र के ख़िलाफ़ विभिन्न अपराध के आरोप में 5,164 मामले, यानी हर दिन औसतन 14 मामले दर्ज किए गए. पिछले साल देश में राजद्रोह के कुल 76 मामले और यूएपीए के कुल 814 मामले दर्ज किए गए थे. 

ग़ैर-भाजपा शासित राज्यों में आईपीसी के मामलों में दोषसिद्धि दर अधिक: एनसीआरबी डेटा

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो का हालिया डेटा दिखाता है कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत दर्ज मामलों में उच्च दोषसिद्धि दर वाले छह राज्यों में कहीं भी भाजपा सत्ता में नहीं है. हालांकि कम दोषसिद्धि दर रिकॉर्ड करने वाले राज्यों में कई भाजपा शासित प्रदेश शामिल हैं.

पिछले साल रोज़ाना 8 बच्चों की तस्करी की गई, विशेषज्ञों ने कड़े क़ानून की वकालत की

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 में कुल 6,533 लोगों की तस्करी होने की जानकारी मिली है, जिनमें से 2,877 बच्चे और 3,656 वयस्क हैं. इसके अलावा तस्करी के 2,189 मामले दर्ज किए गए, जिनमें केवल 16 फीसदी मामलों में दोषसिद्धि साबित हुई. 

पिछले साल दिहाड़ी मज़दूरों, स्वरोज़गार से जुड़े लोगों, बेरोज़गारों ने सर्वाधिक संख्या में जान दी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2021 में 1,18,979 पुरुषों ने आत्महत्या की, जिनमें से 37,751 दिहाड़ी मज़दूर, 18,803 स्वरोज़गार से जुड़े लोग और 11,724 बेरोज़गार शामिल थे. वहीं, 45,026 महिलाओं ने आत्महत्या की.

2021 में रोज़ाना बलात्कार के औसतन 86 मामले हुए दर्ज, राजस्थान में सर्वाधिक: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, वर्ष 2021 में देशभर में दर्ज कुल 31,677 बलात्कार के मामलों में से 6,337 राजस्थान में थे, जबकि 2,845 बलात्कार के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए थे. देश में 2020 की तुलना में पिछले साल बलात्कार के मामलों में 19.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

भारत में 2021 में यातायात हादसों में 1.73 लाख लोगों की मौत, सर्वाधिक उत्तर प्रदेश में

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2020 में यातायात संबंधी दुर्घटनाओं की संख्या 3,68,828 रही, जो 2021 में बढ़कर 4,22,659 हो गई. इन यातायात दुर्घटनाओं में 2021 के दौरान 3,73,884 लोग घायल हुए और 1,73,860 लोगों की मौत हो गई. उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 24,711 लोगों की मौत हुई.

राष्ट्रीय राजधानी में वर्ष 2021 में साइबर अपराध में 111 प्रतिशत की वृद्धि: रिपोर्ट

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले साल साइबर अपराध के 356 से अधिक मामले सामने आए. इनमें से अधिकतर मामले ऑनलाइन धोखाधड़ी, ऑनलाइन उत्पीड़न, कामुक सामग्री के प्रकाशन आदि से जुड़े थे.

2021 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों में 15% की बढ़ोतरी, असम में सर्वाधिक: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की दर (प्रति 1 लाख जनसंख्या पर घटनाओं की संख्या) 2020 के 56.5 प्रतिशत से बढ़कर 64.5 प्रतिशत हो गई. वहीं 20 लाख से ज़्यादा आबादी वाले महानगरों में दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित रहा.

गुजरात में लगातार दूसरे साल हिरासत में मौतों के सर्वाधिक मामले: एनसीआरबी डेटा

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि वर्ष 2021 में गुजरात में कुल 23 लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुई, जिनमें से 22 मौतें पुलिस हिरासत या लॉक-अप में तब हुईं जब आरोपी रिमांड पर नहीं थे. इसी अवधि में पूरे देश में इस तरह की 88 मौतें हुईं.

2021 में देश में आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हुई, सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2020 में आत्महत्या के कुल 1,53,052 मामले दर्ज किए गए, वहीं 2021 में इसमें सात प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई. महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु और मध्य प्रदेश आत्महत्या के मामलों में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.

2018 से 2020 के बीच यूएपीए के तहत 4,690 लोग गिरफ़्तार हुए, 149 दोषी ठहराए गए: केंद्र

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि 2018 से 2020 के बीच यूएपीए के तहत सर्वाधिक 1,338 गिरफ़्तारियां उत्तर प्रदेश में हुईं. उसके बाद मणिपुर में 943 और जम्मू कश्मीर में 750 लोगों को इस क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया. इनमें से अधिकांश लोग 18-30 वर्ष की उम्र के थे.

2018-20 के दौरान एसिड अटैक के 386 मामले दर्ज हुए: केंद्र सरकार

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में बताया कि 2018 में महिलाओं के ख़िलाफ़ तेज़ाब हमले के 131 मामले, 2019 में 150 और 2020 में 105 मामले दर्ज किए गए.

बीते दो सालों में पुलिस हिरासत में 4,484 मौतें, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक: केंद्र सरकार

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि देश भर में साल 2020 में हिरासत में मौत के 1,940 और साल 2021 में 2,544 मामले दर्ज किए गए. सरकारी डेटा के अनुसार, साल 2020 में पुलिस एनकाउंटर में मौत के 82 और साल 2021 में 151 मामले दर्ज किए गए.

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