हाउसिंग सोसायटी के सदस्यों को फंसाने के लिए पीएफआई समर्थित पोस्टर लगाने का आरोपी गिरफ़्तार

महाराष्ट्र की नवी मुंबई पुलिस ने न्यू पनवेल स्थित एक हाउसिंग सोसायटी के 68 वर्षीय सचिव को गिरफ़्तार किया है. आरोप है कि सोसाइटी अधिकारियों का यहां के कुछ निवासियों से विवाद चल रहा था. निवासियों को फंसाने के लिए सचिव ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के पक्ष में नारे लिखे पोस्टर उनके घर के बाहर चिपका दिए थे.

सिद्दीक़ कप्पन के साथ गिरफ़्तार युवक ने 960 दिन जेल में रहने के बाद कहा- मुस्लिम होने की सज़ा मिली

प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की छात्र इकाई कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य अतीक़-उर-रहमान को 5 अक्टूबर 2020 को पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के साथ उस समय गिरफ़्तार कर लिया गया था, जब वह उत्तर प्रदेश के हाथरस में बलात्कार पीड़िता से मिलने जा रहे थे. बीते 14 जून को उन्हें जेल से रिहा किया गया है.

बजरंग दल के साथ अन्याय कांग्रेस ने नहीं, भाजपा ने किया है

बजरंग दल के पहले ग्लोबल लीडर नरेंद्र मोदी ने दल का गुणगान क्यों नहीं किया? वे बजरंग दल के काम क्यों नहीं गिना सके? बजरंग दल के विरोधी उसे बुरा-बुरा कहते हैं, तो मोदी और भागवत उसे अच्छा-अच्छा क्यों नहीं कह सके?

दो साल बाद जेल से रिहा हुए सिद्दीक़ कप्पन ने कहा- मुझे मुस्लिम होने के चलते निशाना बनाया गया

वीडियो: केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह यूपी के हाथरस में सामूहिक बलात्कार मामले की रिपोर्ट के लिए जा रहे थे. बीते 2 फरवरी को उन्हें दो साल से अधिक समय के बाद ज़मानत पर रिहा कर दिया गया. उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

सिद्दीक़ कप्पन की रिहाई पर शशि थरूर ने कहा- संशोधित यूएपीए लोकतंत्र के लिए संकट है

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि 28 महीनों के बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की जेल से रिहाई हमें इस बात का ध्यान कराती है कि सरकार यूएपीए के तहत लोगों को बिना किसी आरोप के अनिश्चित समय के लिए हिरासत में रख सकती है.

दो साल से अधिक समय बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन जेल से रिहा

केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह उत्तर प्रदेश के हाथरस में सामूहिक बलात्कार मामले की रिपोर्ट करने के लिए जा रहे थे. यूपी पुलिस ने कप्पन पर जाति आधारित दंगा भड़काने का इरादा रखने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया था. इसके बाद उन पर देशद्रोह और यूएपीए के तहत भी मामले जोड़े गए थे.

विधानसभा चुनाव में सड़क-नाली जैसे छोटे मुद्दे नहीं, लव जिहाद प्राथमिकता में हो: कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने एक आयोजन में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में लोग सड़क, नाली और अन्य छोटे-छोटे मुद्दों पर बात न करें, 'लव जिहाद' रोकने के लिए भाजपा की जरूरत है.

केरल में पीएफआई से जुड़े 56 ठिकानों पर एनआईए की छापेमारी

प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई गुरुवार तड़के राज्य पुलिस के सहयोग से शुरू हुई. कहा जा रहा है कि एनआईए को कई आतंकी गतिविधियों और हत्याओं में शामिल पीएफआई कैडर के ख़िलाफ़ विशेष इनपुट प्राप्त हुए थे.

दो साल से जेल में बंद कप्पन की गाड़ी के ड्राइवर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ज़मानत मिली

अक्टूबर 2020 में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली के कैब ड्राइवर मोहम्मद आलम के साथ हाथरस जा रहे थे, जब कप्पन के साथ आलम को भी रास्ते में गिरफ़्तार कर लिया गया था. यूएपीए मामले में आलम को पहले ही ज़मानत मिल चुकी है.

पीएफआई पर पाबंदी न्यायोचित है या नहीं, इस पर निर्णय के लिए केंद्र ने अधिकरण गठित किया

केंद्र सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर यूएपीए के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया है. यूएपीए के तहत एक बार किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाने के बाद केंद्र सरकार द्वारा 30 दिनों के भीतर यह देखने के लिए एक न्यायाधिकरण गठन किया जाता है कि संगठन को ग़ैर क़ानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार है या नहीं.

तमिलनाडु: आरएसएस को पथ संचलन की अनुमति नहीं, सरकार ने दिया क़ानून व्यवस्था का हवाला

तमिलनाडु सरकार ने दो अक्टूबर को आरएसएस को राज्य में पथ संचलन की अनुमति देने से मना कर दिया था. इसके ख़िलाफ़ मद्रास हाईकोर्ट पहुंचे आरएसएस को अब अदालत ने 6 नवंबर को राज्य में रैली और सभाएं करने की अनुमति दी है. 

पीएफआई अगर देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा, तो आरएसएस पर भी बैन क्‍यों नहीं: मायावती

बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने केंद्र द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और इससे जुड़े संगठनों पर लगाए प्रतिबंध को राजनीतिक स्‍वार्थ से प्रेरित बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाने की मांग का समर्थन किया है.

बीते कुछ सालों में पीएफआई के नेता-कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ 1,400 से अधिक मामले दर्ज हुए: रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल ही में प्रतिबंधित किए गए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ पिछले कुछ वर्षों में 1,400 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

देशव्यापी छापों के बाद पीएफआई व उससे जुड़े संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया

बीते दिनों देशभर में पीएफआई दफ्तरों पर पड़े छापों और सैकड़ों कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत इस पर प्रतिबंध लगाते हुए दावा किया है कि वे 'देश में असुरक्षा होने की भावना फैलाकर एक समुदाय में कट्टरता को बढ़ाने के मक़सद' से गुप्त रूप से काम कर रहे हैं.

पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद उठी आरएसएस पर बैन लगाने की मांग

केंद्र सरकार द्वारा गैरक़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सामने आई प्रतिक्रियाओं में कई दलों के नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई हिंदुत्ववादी संगठनों पर भी बैन लगाने की मांग की है.

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