बिहार के कुछ हिस्सों को मिलाकर साल 2000 में अलग झारखंड राज्य बना था. हालांकि अपने गठन के बाद से ही इस राज्य को राजनीतिक स्थिरता नहीं मिल सकी है. मात्र 15 साल में राज्य ने नौ मुख्यमंत्री देखे हैं और तीन बार यहां राष्ट्रपति शासन भी लग चुका है. वर्तमान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची में एक पत्थर खदान की लीज़ को लेकर विवादों के केंद्र में आ गए हैं.
पुलिस ने शुक्रवार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज़ उमर फारूक़ को जामिया मस्जिद में नमाज़ अदा करने के लिए अपने घर से निकलने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि नागरिक के तौर पर उनके अधिकार छीने जा रहे हैं, जबकि उपराज्यपाल ने एक स्पष्ट बयान दिया था कि उनकी आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं है.
बिहार में बुधवार को नवगठित महागठबंधन सरकार को बहुमत साबित करना था और इसी दिन सुबह सीबीआई ने राष्ट्रीय जनता दल के कई नेताओं के घर पर छापे मारे. बताया गया है कि कार्रवाई केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में हुए ज़मीन के बदले नौकरी संबंधी कथित घोटाले को लेकर हुई है.
लखीमपुर खीरी में वर्ष 2000 में एक 24 वर्षीय युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ अजय मिश्रा उर्फ टेनी भी नामजद थे. मामले में उनकी दोषमुक्ति के ख़िलाफ़ दाखिल एक याचिका को उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से इलाहाबाद पीठ स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर की मतदाता सूची में ग़ैर-स्थानीय लोगों को शामिल किया जाना यहां के राजनीतिक दलों को स्वीकार्य नहीं है और यह यहां की पहचान को ख़त्म कर देगा. विधानसभा बाहरी लोगों के हाथों में होगी और यहां के लोग वंचित होंगे.
तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने सुप्रीम कोर्ट में दर्ज 'मुफ्त सुविधाओं' (फ्रीबीज़) से संबंधित याचिका में पक्षकार बनने का आग्रह करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार के शुरुआती तीन सालों में अडानी समूह के 72,000 करोड़ रुपये के क़र्ज़ माफ़ करने की बात कही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को भेजे अपने पत्र में कथित तौर पर कहा है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उनसे पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श नहीं किया गया और न ही उन्हें उनमें आमंत्रित किया गया.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: धूमिल ने दशकों पहले ‘दूसरे प्रजातंत्र’ की बात की थी, हमें अब अपना पुराना, भले अपर्याप्त, लोकतंत्र चाहिए. वह हमें पूरी तरह से मुक्त नहीं करेगा पर उस ओर बढ़ने की ऊर्जा, अवसर और साहस तो देगा.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद को कांग्रेस ने सूबे में पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख और पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति का सदस्य बनने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने नामंज़ूर कर दिया. आज़ाद पार्टी नेतृत्व के आलोचक 'जी 23' समूह के प्रमुख सदस्य हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लिखे एक आलेख में कहा कि विभाजनकारी राजनीति तात्कालिक फ़ायदा भले पहुंचाए लेकिन यह देश की प्रगति में बाधा खड़ी करती है.
स्वतंत्रता दिवस के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिलाओं के अपमान से छुटकारा पाने का संकल्प लेने की बात कहने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने उनका एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि स्त्रियों के सम्मान का संकल्प लेने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत अगर किसी को है तो वह इस व्यक्ति (प्रधानमंत्री) को है. कार्यकर्ता कविता कृष्णन ने कहा कि क्या नरेंद्र मोदी बता सकते हैं कि बिलकीस बानो उनकी ‘नारी शक्ति’ का हिस्सा नहीं हैं, क्योंकि वह एक मुस्लिम
पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रशासन बेशर्मी से कश्मीरियों के भारतीय झंडा फहराने की झूठी तारीफ़ कर रहा है. सच तो यह है कि उन्हें ऐसा करने के लिए धमकाया गया और परिणाम भुगतने की धमकी दी गई.
आज़ादी ने हमें लोकतंत्र दिया, जबकि नस्लीय राष्ट्रवाद का परिणाम बंटवारा था, जिसने अपने पीछे खून से लथपथ सांप्रदायिक हिंसा के निशान छोड़े. बेशक राष्ट्रवाद अच्छा है- लेकिन इसने नस्लीय अल्पसंख्यकों, कमज़ोरों और जिन्हें यह अपने यहां का नहीं मानता है, के लिए ख़तरे खड़े किए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज़ादी के 75 साल पूरा होने के मौके पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए ऐतिहासिक तथ्यों पर कोई भी ग़लतबयानी तथा गांधी-नेहरू-पटेल-आज़ाद जी जैसे महान राष्ट्रीय नेताओं को असत्यता के आधार पर कठघरे में खड़ा करने के हर प्रयास का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पुरज़ोर विरोध करेगी.
कर्नाटक सरकार द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को शामिल नहीं किया गया है. कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कहा कि जेल से रिहा करने के लिए अंग्रेज़ों से गुहार लगाने वाले सावरकर को विज्ञापन में अग्रिम स्थान मिलता है, लेकिन हाशिये की आवाज़ बन आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले आंबेडकर को आख़िरी पंक्ति में रखा जाता है. कर्नाटक भाजपा द्वारा अस्पृश्यता का प्रदर्शन, दुख की बात है.