पंजाब में जालंधर का रहने वाला 46 वर्षीय हरदीप सिंह निज्जर सक्रिय रूप से खालिस्तान टाइगर फोर्स के सदस्यों के संचालन, नेटवर्किंग, प्रशिक्षण और वित्तपोषण में शामिल था. वह भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक था. उसने कनाडा के ब्रैम्पटन में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई थी.
700 से अधिक भारतीय छात्र कनाडा से निर्वासन होने की कगार पर हैं, क्योंकि कनाडा के अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के ‘प्रवेश प्रस्ताव पत्र’ को नकली पाया है. इनमें से ज़्यादातर पंजाब से हैं. पंजाब के प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने केंद्रीय विदेश मंत्री को पत्र लिखकर समस्या सुलझाने की मांग की है.
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कक्षा 12 के राजनीति विज्ञान की किताब से ‘एक अलग सिख राष्ट्र’ और ‘खालिस्तान’ के संदर्भों को हटाने की घोषणा की है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ‘आनंदपुर साहिब प्रस्ताव’ को ग़लत तरीके से पेश कर सिख समुदाय के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक सामग्री को वापस लेने की मांग की थी.
बैठक में ग़ैर-भाजपा शासित पंजाब, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों के शामिल न होने की ख़बर है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बैठक में शामिल होने का क्या फायदा, जब केंद्र खुले तौर पर सहकारी संघवाद का मज़ाक बना रहा है.
वीडियो: हर साल हज़ारों की संख्या में पंजाब के युवा बेहतर भविष्य की तलाश में अवैध तरीकों से सीमाएं पार करते हुए विदेशों में पहुंचते हैं. लेकिन अक्सर उनके सपने सच नहीं होते. द वायर ने 5 रिपोर्ट्स के ज़रिये पंजाब से इटली के कीवी फार्म्स में पहुंचने के बाद शोषण का शिकार होते युवाओं की व्यथा दर्ज की है. इससे जुड़ीं एक रिपोर्टर कुसुम अरोड़ा से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहा था कि अगर वह सत्ता में आई तो बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेगी. इस पर 'हिंदू सुरक्षा परिषद' नामक इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पंजाब में एक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है.
ऑडियो: कनाडा के स्वास्थ्य मंत्री रहे उज्जल दोसांझ ने द वायर से बातचीत में उनके राजनीति में उतरने की परिस्थितियों के बारे में बताया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि सिख समुदाय में बढ़ते कट्टरपंथ की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ा.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
घटना रविवार शाम पटियाला के दुखनिवारण साहिब गुरुद्वारे में हुई. कथित तौर पर शराब पीने से नाराज़ एक व्यक्ति ने महिला पर कई गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौत हो गई. घटना में एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना है.
एक दलित महिला ने एक टीवी चैनल की रिपोर्टर और उनके दो सहयोगियों पर कार से उन्हें टक्कर मारने और उनके खिलाफ ‘जातिसूचक शब्दों’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए एफ़आरआई दर्ज कराई थी. गिरफ़्तारी के बाद हाईकोर्ट ने रिपोर्टर को सोमवार तक के लिए अंतरिम ज़मानत दे दी है.
प्रकाश सिंह बादल जब पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी उम्र महज 42 साल थी. 2017 में आख़िरी बार जब उन्होंने पद छोड़ा था, तब उनकी उम्र 88 साल थी. कुल मिलाकर वह रिकॉर्ड पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा वह 11 बार विधायक चुने गए, जो पंजाब में एक रिकॉर्ड है.
मीडिया में आईं कुछ ख़बरों के अनुसार, खिख कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह ने पंजाब के मोगा ज़िले के रोडे गांव में सरेंडर किया है, हालांकि राज्य पुलिस ने इससे इनकार करते हुए उसे गिरफ़्तार करने की बात कही है. रोडे गांव दिवंगत सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म स्थान है, जिसे अमृतपाल अपना आदर्श मानता है.
पंजाब के डेरा बस्सी में एक फेडरल मीट प्लांट में ग्रीस टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से एक नेपाली समेत चार मजदूरों की मौत हो गई. घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस ने मीट फैक्ट्री के प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. एक अन्य घटना में सीवर की सफाई के दौरान एक मजदूर की दम घुटने से मौत हो गई.
एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की किताब में 1973 के आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को अलगाववादी दस्तावेज़ के रूप में चित्रित करने पर आपत्ति जताई गई है. शिरोमणि अकाली दल की ओर से कहा गया है कि प्रस्ताव केवल संवैधानिक ढांचे के भीतर संघवाद को बढ़ावा देने की मांग करता है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पिछले सप्ताह पंजाब में कई पत्रकारों और मीडिया संगठनों के सोशल मीडिया एकाउंट के निलंबन पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार की कार्रवाइयां सुरक्षा बनाए रखने के बहाने प्रेस की स्वतंत्रता को कमज़ोर करती हैं. अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह को गिरफ़्तार करने के क्रम में सरकार ने कई पत्रकारों के अलावा अन्य लोगों के सोशल मीडिया एकाउंट को निलंबित कर दिया है.