रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते क़रीब सात माह पहले यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र भारत लौट आए थे, जो कि हालात सुधरने के बाद सितंबर में वापस यूक्रेन चले गए थे. अब वापस हालात बिगड़ने पर भारत ने छात्रों से यूक्रेन तुरंत छोड़ने के संबंध में दो परामर्श जारी किए हैं.
यूक्रेन में बढ़ते हालिया तनाव के मद्देनज़र भारतीय दूतावास ने हफ्ते भर से भी कम समय के अंदर दूसरा परामर्श जारी किया है. इसमें कहा गया है कि यूक्रेन में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे उपलब्ध साधनों से तुरंत यूक्रेन छोड़ दें.
यूक्रेन में रूस के बढ़ते हमलों के मद्देनज़र भारत ने वहां रह रहे भारतीयों को वापस देश लौटने का परामर्श दिया है. हालांकि कुछ समय पहले वहां पहुंचे 1,500 से अधिक भारतीय छात्रों ने इससे इनकार करते हुए कहा कि वे अपनी पढ़ाई पूरी करके वापस जाएंगे या फिर ताबूत में. उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है.
भारतीय दूतावास ने कहा कि बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और हाल में ख़राब होते हालात को देखते हुए भारतीय नागरिकों को यूक्रेन की यात्रा नहीं करने की सलाह दी जाती है. फिलहाल यूक्रेन में रह रहे छात्रों सहित भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी जाती है.
यूक्रेन के लुहान्स्क प्रांत के गवर्नर ने बताया कि इस स्कूल में बने तहखाने में क़रीब 90 लोगों ने शरण ले रखी थी. आपात सेवा कर्मचारियों को दो शव बरामद हुए हैं और 30 लोगों को उन्होंने वहां से निकाला है, लेकिन मलबे में दबे अन्य 60 लोगों के मारे जाने की आशंका है.
कीव में क्षेत्रीय पुलिस बल ने दावा किया कि रूसी सेना की वापसी के बाद कीव इलाके में 900 से अधिक नागरिकों के शव बरामद किए गए हैं. मलबे के नीचे और सामूहिक कब्रों में हर दिन शव मिल रहे हैं. बुचा में लोग सबसे ज्यादा पीड़ित हुए, जहां 350 से अधिक शव मिले हैं. वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के रूसी क्षेत्र पर दावों के जवाब में कीव पर मिसाइल हमलों को बढ़ाने की बात कही है.
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त द्वारा रविवार को अपने पोर्टल पर अपडेट की गई जानकारी के मुताबिक़, 24 फरवरी से अब तक 45.04 लाख लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं.
रूस के अपने सैनिकों को पीछे हटाने के बाद यूक्रेन के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने उसके क्षेत्रों में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है. हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज़ किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अभियोजकों और न्यायाधीशों की मदद से इसकी जांच के लिए एक विशेष न्याय तंत्र बनाया जाएगा.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत के दो दिवसीय दौरे पर थे. उन्होंने भारत को तेल, सैन्य साजो-सामान और अन्य वस्तुओं की ज़रूरतों को भी पूरा करने का वादा किया. इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनज़र उस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए ख़ामियाजा भुगतने की चेतावनी दी थी.
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जिना रायमोंडो ने वॉशिंगटन में ऑस्ट्रेलिया के वाणिज्य मंत्री के साथ बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह टिप्पणी की. ऐसी रिपोर्ट है कि भारत अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए रूस से सस्ती दरों पर कच्चे तेल की ख़रीद के लिए मॉस्को की एक भुगतान प्रणाली अपनाने पर विचार कर रहा है.
युद्ध के कारण यूक्रेन में उत्पन्न मानवीय संकट की स्थिति को लेकर यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा में अनुपस्थित रहा. यूक्रेन में रूसी आक्रमण पर भारत इससे पहले सुरक्षा परिषद में दो मौकों और महासभा में एक बार प्रस्तावों पर मतदान के समय अनुपस्थित रहा था.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बैठक के दौरान कहा कि रूस के आक्रामक रुख के जवाब में भारत के अलावा क्वाड एकजुट है. भारत की स्थिति पुतिन के आक्रमण से निपटने के लिहाज़ से थोड़ी असमंजस वाली है लेकिन क्वाड देशों का हिस्सा, जापान और ऑस्ट्रेलिया अत्यधिक मजबूत हैं.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने बीते 16 मार्च रूस को आदेश दिया था कि वह यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध रोके. अदालत के आदेश का 13 न्यायाधीशों ने समर्थन किया था, जबकि दो ने इसके ख़िलाफ़ मतदान किया था. भारत से न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने रूस के ख़िलाफ़ मतदान किया था.
यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों के दबाव के बीच एशिया के दो प्रतिद्वंद्वी देश- चीन और भारत अपने तमाम मतभेदों के बावजूद रूस को लेकर समान रवैया अख़्तियार किए हुए हैं.
अफ़सोस की बात है कि भारत के पास ऐसी समस्या के समाधान के लिए रचनात्मक प्रस्ताव देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, जिस पर वह स्पष्ट रुख़ लेने को भी अनिच्छुक है.