केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने संसद में बताया कि गृह मंत्रालय के तहत विभिन्न संगठनों में 1,14,245 पद ख़ाली हैं और इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ और दिल्ली पुलिस भी शामिल हैं. रिक्त पदों में से 3,075 ग्रुप 'ए', 15,861 ग्रुप 'बी' में और 95,309 ग्रुप 'सी' में हैं.
छत्तीसगढ़ की एक अदालत ने 29 युवकों की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी है. एसटी/एससी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इन युवकों ने कथित फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरियों में भर्ती पर राज्य की निष्क्रियता के ख़िलाफ़ विधानसभा के पास नग्न प्रदर्शन किया था.
चुनाव आयोग ने मसौदा प्रस्ताव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों की संख्या आठ से बढ़ाकर नौ और अनुसूचित जनजाति के लिए 16 से बढ़ाकर 19 करने का सुझाव दिया है. साथ ही, लोकसभा के लिए अनुसूचित जनजातियों के लिए दो और अनुसूचित जातियों के लिए एक सीट आरक्षित करने का सुझाव दिया है.
ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन से पता चला है कि उच्च शिक्षा में मुस्लिम छात्रों के नामांकन में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. 20 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सबसे ख़राब रहा. यहां 36 प्रतिशत की गिरावट आई है. वहीं केरल में 43 प्रतिशत मुसलमानों ने उच्च शिक्षा के लिए नामांकन कराया है.
विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले कर्नाटक की पिछली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया था. साथ ही, अनुसूचित जाति के बीच आंतरिक आरक्षण की भी घोषणा की थी.
केंद्र सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण के लिए 'प्रधानमंत्री सामाजिक समावेश मिशन' शुरू करेगी. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि एससी और एसटी के सामने आने वाली समस्याएं समान नहीं हैं और उनके लिए अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत है.
अनुसूचित जाति (एससी) कोटा में दलित ईसाइयों और दलित मुसलमानों को शामिल किए जाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, इस दौरान सरकार ने कहा कि उसने इस संबंध में एक समिति का गठन किया है, जिसकी रिपोर्ट आने तक शीर्ष अदालत को इंतज़ार करना चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला 20 वर्षों से लंबित है, कितनी समितियां बनाई जाएंगी.
केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा को बताया कि कुल नियुक्तियों में सामान्य श्रेणी के न्यायाधीशों की संख्या 77 प्रतिशत से अधिक है. उन्होंने बताया कि इनमें से 58 न्यायाधीश ओबीसी और 19 अनुसूचित जाति से हैं. अनुसूचित जनजाति से केवल छह और अल्पसंख्यक समुदाय से 27 न्यायाधीश हैं. नियुक्तियों में 84 महिला न्यायाधीश भी शामिल हैं.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के मोरी क्षेत्र में घटना. शिकायत के अनुसार, रात भर उच्च वर्ग के कुछ लोगों ने मंदिर में प्रवेश करने की वजह से 22 वर्षीय युवक के साथ मारपीट की, उन्हें बांध दिया और जलती लकड़ियों से उनकी पिटाई की. पुलिस ने इस संबंध में पांच ग्रामीणों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
इस मंज़ूरी के साथ कर्नाटक में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़कर 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों के लिए मौजूदा तीन प्रतिशत से बढ़कर सात प्रतिशत हो जाएगा. इस क़दम को राज्य की भाजपा सरकार द्वारा अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले इन समुदायों को लुभाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि देवदासी प्रथा की शिकार ज़्यादातर महिलाओं का यौन शोषण किया जा रहा है, जब वे गर्भवती हो जाती हैं तो उन्हें उनके भाग्य पर छोड़ दिया जाता है.
वर्ष 2012 में राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा सरकारी नियुक्तियों, मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य कॉलेजों में दाखिले में कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 58 प्रतिशत कर दिया गया था. हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के विरुद्ध है.
लोकसभा में प्रस्तुत संसद की एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि एम्स, दिल्ली में उचित पात्रता, योग्यता, पूरी तरह से अनुभवी होने के बावजूद एससी/एसटी उम्मीदवारों को शामिल नहीं किया जा रहा. अनौपचारिक आधार पर अस्पताल में काम करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों के कनिष्ठ कर्मचारियों का चयन उस समय नहीं किया गया जब पदों को नियमित किया जा रहा था.
कर्नाटक हाईकोर्ट एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ लंबित मामले को ख़ारिज कर दिया, क्योंकि यह पाया गया कि कथित दुर्व्यवहार एक इमारत के तहखाने में किया गया था, जहां सिर्फ़ पीड़ित और उसके सहकर्मी ही मौजूद थे. कथित घटना वर्ष 2020 में हुई थी.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि गैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम क़ानून (यूएपीए) के तहत 80 लोगों को दोषी ठहराया गया, जबकि 2019 में 34 लोगों को दोषी ठहराया गया था. यूएपीए के तहत ज़मानत पाना बहुत ही मुश्किल होता है और जांच एजेंसी के पास चार्जशीट दाख़िल करने के लिए 180 दिन का समय होता है.