आईआईटी दिल्ली में बीते कुछ समय में दो दलित छात्रों की आत्महत्या से मौत के बाद संस्थान के छात्र प्रकाशन बोर्ड ने परिसर के अंदर जातिगत भेदभाव पर एक सर्वे शुरू किया था, जिसे कुछ घंटों के भीतर ही इसलिए वापस ले लिया गया क्योंकि छात्रों का कहना था कि इसमें पूछे गए सवाल पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं.
वीडियो: उत्तर बिहार के सरकारी स्कूलों पर इसी अगस्त महीने में एक सर्वे रिपोर्ट आई है. यह रिपोर्ट कुछ जरूरी आंकड़ों ज़रिये इस क्षेत्र के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल की बदहाली को पेश करती है. इसके तहत अररिया और कटिहार ज़िले के 81 प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों का बीते जनवरी महीने में सर्वे किया गया था.
प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा 24 देशों में किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि भारत में चीन को लेकर नकारात्मक विचार 2019 में 46 फीसदी थे, जो 2023 में बढ़कर 67 फीसदी हो गए हैं. इसी अवधि के दौरान भारत-चीन सीमा पर बार-बार संघर्ष के हालात बने हैं.
अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ‘एसएंडपी ग्लोबल’ द्वारा जारी सेवा क्षेत्र के लिए क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में 57.2 से घटकर सितंबर में 54.3 पर आ गया. यह मार्च के बाद सबसे धीमी दर से विस्तार को दर्शाता है.
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य के ग़ैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने के निर्णय पर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि सभी मदरसों पर शक़ नहीं करना चाहिए, लेकिन सर्वेक्षण को लेकर बवाल करना खुद सवाल बन जाता है.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यूपी में मदरसों पर भाजपा सरकार की टेढ़ी नज़र है. मदरसा सर्वेक्षण के नाम पर क़ौम के चंदे पर चलने वाले निजी मदरसों में हस्तक्षेप का अनुचित प्रयास हो रहा है, जबकि सरकार को सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों व सरकारी स्कूलों के बदतर हाल को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए.
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के ग़ैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है, जिसे लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा कि मदरसे साप्रंदायिक लोगों की आंखों में खटकते हैं और इन्हें बदनाम नहीं किया जाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने बताया कि सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराये के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम, आय का स्रोत आदि से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी.
'हाउ इंडियंस व्यू जेंडर रोल्स इन फैमिलीज़ एंड सोसाइटी' नाम की इस रिपोर्ट को नवंबर 2019 और मार्च 2020 के बीच 29,999 भारतीय वयस्कों पर किए गए सर्वेक्षण के बाद प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा तैयार किया गया है. इसके अनुसार भारतीय राजनीतिक नेतृत्व में महिलाओं को देखने के इच्छुक हैं लेकिन घर और रोज़गार में लैंगिक असमानता का रवैया दिखाई देता है.
छत्तीसगढ़ के लिए शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट-2021 के अनुसार 2020 में महामारी फैलने के बाद स्कूल बंद होने से बच्चों सीखने की क्षमता को बहुत गंभीर नुकसान हुआ है, जहां शुरुआती कक्षाओं में वर्णमाला के अक्षरों को भी पहचानने में असमर्थ छात्रों का प्रतिशत 2018 की तुलना में 2021 में दोगुना हो गया है.
राष्ट्रीय स्तर पर ‘एक्सेस टू सर्विसेस डूरिंग कोविड-19 इन डिजिटल इंडिया’ नाम के इस सर्वेक्षण में मार्च और अगस्त 2020 के बीच कुल 7,000 घरों के नमूने इकट्ठा किए गए. दिल्ली की तुलना में तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों में जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले घरों का प्रतिशत कम हैं, वहां लगभग 40 फ़ीसदी बच्चे शिक्षा तक पहुंच हासिल कर सके.
होसदुर्ग से भाजपा विधायक गुलहट्टी शेखर ने 13 अक्टूबर को पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण पर विधायी समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि इस सर्वे का उद्देश्य कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर हो रहे 'जबरन धर्म परिवर्तन' की जांच करना है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जनवरी-दिसंबर 2019 के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारिक भूमि और पशुधन के अलावा कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन किया. इसके अनुसार 2019 में कृषक परिवारों पर प्रति परिवार औसतन 74,121 रुपये क़र्ज़ था. सर्वे के मुताबिक़, कुल क़र्ज़ में 57.5 % कृषि उद्देश्य से लिए गए.
वीडियो: इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा किए गए ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वेक्षण में पाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो पिछले साल तक देश के 66 प्रतिशत लोगों के लिए अगले प्रधानमंत्री के रूप में पहली पसंद थे. हालांकि इस लोकप्रियता में 24 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.
यूनेस्को, यूनिसेफ, विश्व बैंक और ओईसीडी ने कोविड-19 के कारण स्कूल बंद होने से राष्ट्रीय शिक्षा पर प्रभाव का सर्वेक्षण किया था. इसके अनुसार निम्न और मध्यम आय वाले देशों ने बताया कि सभी छात्र व्यक्तिगत रूप से स्कूली शिक्षा में नहीं लौटे, जो पढ़ाई को हुए नुकसान और स्कूल छोड़ने के बढ़ते जोखिम को दिखाता है.