ओडिशा सरकार ने केंद्र से अपील की है कि तत्काल राज्य को कम से कम 25 लाख कोविड-19 रोधी टीके की खुराकों की आपूर्ति की जाए. ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, तीन अप्रैल तक राज्य में 1,476 टीकाकरण केंद्र संचालित किए जा रहे थे लेकिन टीकों की कमी के कारण लगभग 700 केंद्रों को बंद करना पड़ा है.
मुख्य चुनाव आयुक्त के सुनील अरोड़ा का कार्यकाल सोमवार को ख़त्म हो गया. विधि मंत्रालय ने बताया कि चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा मंगलवार को कार्यभार संभालेंगे. चंद्रा के कार्यकाल में आयोग गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराएगा.
सुरेंद्र कुमार यादव ने 30 सितंबर 2020 को सीबीआई के विशेष जज के तौर पर सुनाए फैसले में 1992 बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती व कल्याण सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी किया था. अब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें प्रदेश का तीसरा उप लोकायुक्त नियुक्त किया है.
उत्तर प्रदेश में भाजपा ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए बीते आठ अप्रैल को ज़िला पंचायत सदस्य के लिए संगीता सिंह सेंगर को उम्मीदवार घोषित किया था, जिसकी विपक्षी दलों ने आलोचना की थी. उनके पति पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव ज़िले में 17 वर्षीय एक किशोरी से बलात्कार मामले में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 में इस्तेमाल के लिए जून 2020 में रेमडेसिविर को मंज़ूरी दी थी. इसे केवल प्रिस्क्रिप्शन पर अस्पतालों और फार्मेसी द्वारा एक इंजेक्शन के रूप में बेचा जा सकता है. गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने इसे बिना किसी दाम के दो अस्पतालों और पार्टी कार्यालय में वितरित कराया.
असम के फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने अपने एक आदेश में हैदर अली नामक एक व्यक्ति को विदेशी घोषित कर दिया था, जबकि उन्होंने 1965 और 1970 के वोटर लिस्ट में शामिल अपने पिता और दादा के साथ संबंध को प्रमाण दिया था. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि व्यक्ति को सिर्फ़ इस आधार पर विदेशी नहीं घोषित किया जा सकता है कि वे वोटर लिस्ट में शामिल रिश्तेदारों के साथ अपने संबंध स्थापित नहीं कर पाया है.
कानपुर जैसे शहर में एक युवा कम्युनिस्ट और ट्रेड यूनियन के सदस्य के बतौर काम करने के दौरान देखे गए पुलिस और प्रशासन के पक्षपातपूर्ण रवैये ने मेरे लिए वर्गीय दृष्टिकोण और वर्गीय सत्ता की सच्चाई को और प्रमाणित कर दिया.
समाचार वेबसाइट ‘मिल्लत टाइम्स’ की 9 अप्रैल की महाराष्ट्र में कोविड-19 लॉकडाउन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन पर एक वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसके चीफ एडिटर ने बताया कि अधिकतर प्रदर्शनकारी दिहाड़ी मज़दूर थे. वे मुख्यमंत्री निवास के पास विरोध कर रहे थे और उन मुद्दों के बारे में बोल रहे थे, जिनका सामना वे लॉकडाउन के कारण करेंगे.
मुंबई के पत्रकार वरुण हिरेमथ पर एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाते हुए दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. फरवरी में मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी फ़रार हैं. महिला ने केंद्रीय गृह मंत्री, पुलिस कमिश्नर और सहायक पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर आरोपी को गिरफ़्तार करने में प्रशासन की अनिच्छा को लेकर रोष जताया है.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के बदौसा क्षेत्र का मामला है. परिजनों ने बताया कि चार साल पहले उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड से एक लाख रुपये क़र्ज़ लिया था, जिसे वापस नहीं कर पाए थे. दो बेटियों की शादी तय हो गई थी और घर में आर्थिक तंगी थी.
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमित जीवित व्यक्ति को मृत बताने के मामले में हेल्थ मैनेजर को बर्ख़ास्त कर दिया गया है. वहीं दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक कोविड-19 मरीज का शव शौचालय में मिलने के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ और हंगामा किया.
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी की ओर से जारी बयान में राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत वहीं से बहाल होगी, जहां 22 जनवरी को ख़त्म हुई थी. मांग भी वहीं हैं कि तीनों काले क़ानूनों को निरस्त किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया क़ानून बनाया जाए.
मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले का मामला है. ज़िले के एक गांव में कोरोना संक्रमित युवक को अस्पताल ले जाने को लेकर उसके परिजनों और स्वास्थ्य विभाग के दल के बीच विवाद हो गया था. घटना से संबंधित एक कथित वीडियो में युवक के परिवार पर पुलिस डंडे बरसाती नज़र आ रही है. दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर कर दिया गया है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सरकारी जेपी अस्पताल में मरीज़ की मौत के बाद कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा और उनके सहयोगियों पर वहां के एक डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगा था. घटना के बाद डॉक्टर इस्तीफ़ा दे दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया.
एक समाचार पोर्टल चलाने वाले हिसार के पत्रकार राजेश कुंडू को ज़िले में हिंसा होने की आशंका संबंधी पोस्ट करने पर हरियाणा पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. पत्रकारों समेत विपक्षी दलों ने इसका विरोध करते हुए मामले को तुरंत वापस लेने की मांग की है.