कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा हाल ही में जारी एक सर्कुलर में केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों को निर्देश दिया गया है कि विरोध प्रदर्शन समेत किसी भी रूप में हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के ख़िलाफ़ वेतन में कटौती के अलावा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.
कुछ लोगों ने व्यक्तिगत याचिकाओं के ज़रिये सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उनके पास मौजूद 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को बदलने का आदेश दिया जाए. अदालत ने इस पर कहा कि चूंकि वह जनवरी में मामले में फैसला सुना चुकी है, इसलिए अब याचिकाकर्ता केंद्र सरकार के समक्ष अपना अभ्यावेदन पेश करें.
एक कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली पर अभी उपलब्ध सबसे अच्छी व्यवस्था है. इस प्रणाली का उद्देश्य आज़ादी को बनाए रखना था, जो कि एक प्रमुख मूल्य है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने भी शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए इसे ‘आदर्श प्रणाली’ बताया.
जनवरी माह में पुलिस महानिदेशकों के वार्षिक सम्मेलन में पेश हुए लेह-लद्दाख संबंधी एक शोध पत्र में पूर्वी लद्दाख में 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक भारत की पहुंच खोने संबंधी बात सामने आई थी. संसद में इसी संबंध में गृह मंत्रालय से सवाल किया गया था, जिसे जवाब देने वाले प्रश्नों में से निकाल दिया गया.
17 जून 2019 को वर्तमान लोकसभा की बैठक के तुरंत बाद अध्यक्ष (स्पीकर) ओम बिड़ला चुने गए थे, लेकिन डिप्टी स्पीकर का पद अभी भी ख़ाली है. नियमों के अनुसार, निर्वाचित स्पीकर को अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद अपने डिप्टी के चुनाव की सूचना देनी चाहिए. हालांकि, बिड़ला ने ऐसा करने से परहेज़ किया है.
शिवसेना के दो फाड़ के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और पार्टी चिह्न देने के फैसले की आलोचना करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आयोग का फैसला हमें स्वीकार नहीं है. वे शिंदे गुट को पार्टी का नाम और चिह्न दे सकते हैं, लेकिन पार्टी नहीं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट मोहम्मद अब्दुल खलीक़ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने उनके ख़िलाफ़ दर्ज गो-हत्या के मामले को रद्द करने की मांग की थी, जिसे अदालत ने ख़ारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र गो-हत्या पर प्रतिबंध लगाने और इसे ‘संरक्षित राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने के लिए उचित निर्णय ले.
वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को दिए एक इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा है कि कॉलेजियम द्वारा सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए गए कई न्यायाधीशों ने अपने पूरे करिअर में एक भी अच्छा निर्णय नहीं लिखा है.
राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि परीक्षा ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले और राज्य बोर्ड के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है क्योंकि नीट परीक्षा सीबीएसई/एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित है, जो तमिलनाडु बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम से काफ़ी अलग है.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत केंद्र द्वारा 14 राज्यों को 6,157 करोड़ रुपये का बकाया देना बाकी है. इनमें 8 राज्य विपक्ष शासित हैं. लगभग 2,700 करोड़ रुपये अकेले पश्चिम बंगाल को देना बाकी है.
ओडिशा के कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का ने लोकसभा में सवाल पूछा था कि केंद्र सरकार और उपयुक्त अधिकरणों के पास अनुसूचित जनजाति के दर्जे के कितने अनुरोध लंबित हैं. इस पर जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने सरकार के पास लंबित ऐसे अनुरोधों की संख्या बताने से इनकार कर दिया.
लद्दाख के शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने क्षेत्र में छठी अनुसूची की मांग को दोहराते हुए कहा कि डर यह नहीं है कि लोग भारत के ख़िलाफ़ हो जाएंगे, डर यह है कि भारत के लिए प्यार कम हो जाएगा और ऐसा होना उस देश के लिए ख़तरनाक है जो चीन का सामना कर रहा है.
लद्दाख में संविधान की छठी अनुसूची लागू करने और पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग के समर्थन में इंजीनियर एवं नवप्रवर्तक सोनम वांगचुक पांच दिन का ‘क्लाइमेट फास्ट’ कर रहे हैं. विरोध को ख़त्म करने की कोशिश में प्रशासन ने उनसे एक बॉन्ड पर साइन करने के लिए कहा है, जिसमें कहा गया है कि वह कोई बयान नहीं देंगे या एक महीने तक लेह में किसी सार्वजनिक सभा में भाग नहीं लेंगे.
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के विश्लेषण से पता चला है कि केंद्र सरकार द्वारा 2021 में कुल 6,096 और 2022 में 6,775 यूआरएल ब्लॉक किए गए, जिसमें सभी तरह के यूआरएल जैसे वेबपेज, वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विशिष्ट पेज आदि शामिल हैं.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में हिंदी विरोधी आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के सम्मान में आयोजित ‘भाषा शहीद दिवस’ में केंद्र पर बेशर्मी से हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम किसी भाषा के दुश्मन नहीं हैं. अपने हित के लिए कोई कितनी भी भाषाएं सीख सकता है, पर हम थोपे जाने के किसी भी क़दम का विरोध करेंगे.