साल 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2007 में गोरखपुर और आसपास के ज़िलों में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने के आरोप में अपने ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
वर्ष 2007 में दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोपों को लेकर तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और अन्य लोगों के ख़िलाफ़ गोरखपुर के एक थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई थी. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुक़दमा चलाने से इनकार के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी के ख़िलाफ़ याचिका को ख़ारिज कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में एक महिला से अभद्रता के आरोपी नेता श्रीकांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी ने कहा है कि उन्होंने अपनी पति को भाजपा के कई कार्यक्रमों और रैली में शामिल होते देखा है. उन्हें इस बात पर आश्चर्य है कि अब पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया गया है.
नोएडा पुलिस ने बताया कि ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी में महिला के साथ अभद्रता के मामले में फ़रार चल रहे श्रीकांत त्यागी को मंगलवार तड़के मेरठ से गिरफ़्तार किया गया. इससे पहले त्यागी ने एक ज़िला अदालत में आत्मसमर्पण की याचिका दायर की थी.
यूपी के नोएडा में ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी में श्रीकांत त्यागी नाम के व्यक्ति ने सार्वजनिक ज़मीन पर पौधे लगाकर कब्ज़ा किया था. एक महिला द्वारा इसका विरोध करने पर त्यागी ने उनके साथ बदसलूकी और हाथापाई की. विपक्षी दल त्यागी के भाजपा नेता होने का दावा कर रहे हैं, जबकि भाजपा ने इन दावों का खंडन किया है.
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त और निर्माण कार्य कराने वाले 40 लोगों की एक सूची जारी की गई. सूची में मिल्कीपुर क्षेत्र से पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा का नाम भी शामिल है.
11 जून को सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में पुलिस हिरासत में लिए कुछ युवकों को बेरहमी से पीटते हुए दिख रही थी. दावा किया गया था कि वीडियो सहारनपुर के कोतवाली थाने का है पर पुलिस ने इससे इनकार किया था. अब भी पुलिस का कहना है वह वीडियो की सत्यता की पुष्टि कर रही है, वहीं मजिस्ट्रेट अदालत ने वीडियो में दिख रहे आठ लोगों को सबूतों के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है.
भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद हुए प्रदर्शन के दौरान सहारनपुर में भड़की हिंसा के मामले में आरोपी बनाए गए लोगों के परिवारों को घर गिराए जाने संबंधी नोटिस मिल रहे हैं. परिजनों का कहना है कि नोटिसों का 10 जून यानी हिंसा भड़कने के दिन ही जारी होना इन पर सवाल खड़े करता है.
पूर्व नौकरशाहों के कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने देश के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि अब समस्या केवल स्थानीय स्तर पर पुलिस और प्रशासन की 'ज़्यादतियों' की नहीं है बल्कि तथ्य यह है कि क़ानून के शासन, उचित प्रक्रिया और 'दोषी साबित न होने तक निर्दोष माने जाने' के विचार को बदला जा रहा है.
वाराणसी के ज़िलाधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के दौरान उपद्रवी तत्वों ने यहां कुल 36 बसों को नुकसान पहुंचाया था, जिससे 12,97,439 रुपये की क्षति हुई है. अब तक कुल 27 उपद्रवियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन एवं तोड़फोड़ में लिप्त पाए जाने पर पकड़े गए उपद्रवी तत्वों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी.
पैगंबर के ख़िलाफ़ भाजपा नेताओं की टिप्पणियों को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद आरोप है कि प्रशासन ने हिंसा में शामिल आरोपियों के घरों को बुलडोज़र का इस्तेमाल करके गिरा दिया था. इस संबंध में प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी. इधर, अलीगढ़ शहर में फ्लैग मार्च में पुलिस द्वारा बुलडोज़र शामिल किए जाने का मामला सामने आया है.
बीते 30 मार्च को यूपी बोर्ड की 12वीं की अंग्रेज़ी परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. इस संबंध में ख़बर लिखने के कारण बलिया के तीनों पत्रकारों को गिरफ़्तार किया गया था. इनमें से दो पत्रकारों- अजित ओझा और दिग्विजय सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने ख़ुद को बचाने के लिए पत्रकारों को फंसाया था.
सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आज़म ख़ान ने प्रेस वार्ता में बिना किसी का नाम लिए कहा कि उनकी जड़ों में ज़हर डालने वाले उनके अपने ही हैं.
इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि 13.842 हेक्टेयर की विवादित ज़मीन इमामुद्दीन क़ुरैशी नाम के व्यक्ति की थी, जो देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए और भारत की नागरिकता छोड़कर पाकिस्तान की नागरिकता ले ली. उनकी ज़मीन को शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन सपा नेता ख़ान ने अन्य लोगों की मिलीभगत से उस भूखंड पर क़ब्ज़ा कर लिया था.
सरकारी बयान में गया है कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते डीजीपी के पद से हटा दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी देवेंद्र सिंह चौहान को उनकी जगह राज्य का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त कर दिया है.