जिस वक़्त हमारा चुनावी लोकतंत्र पूरे देश, ख़ासकर हिंदी प्रदेश में कठिन रास्ते से गुज़र रहा है, प्रस्तुत है यह नया स्तंभ जो हिंदी कविता में लोकतंत्र की गौरवपूर्ण उपस्थिति की याद दिलाता है.
महाराष्ट्र सरकार का नया नियम 1 मई 2014 या उसके बाद पैदा हुए सभी नागरिकों पर लागू होगा. आवेदकों को जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल दस्तावेज़, संपत्ति के कागज़ात, आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि जैसे सभी सरकारी दस्तावेज़ों में नए प्रारूप के अनुसार अपना नाम रजिस्टर करना होगा.
एक परिवार से जुड़े भूमि स्वामित्व संबंधी मामले में फैसला देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू पति द्वारा उसकी गृहिणी पत्नी, जिसकी कोई स्वतंत्र आय नहीं है, के नाम पर खरीदी गई संपत्ति को पुरुष की व्यक्तिगत आय से खरीदा माना जाएगा. ऐसी संपत्ति प्रथमदृष्टया संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति बन जाती है.
जन्मदिवस विशेष: साहित्य में स्त्री की उपस्थिति एक विचारणीय बात है. जिस प्रकार से कला-संस्कृति-समाज सब पुरुषों द्वारा परिभाषित और व्याख्यायित रहे हैं, ऐसे में स्त्री और उसकी भूमिका को भी प्राय: पुरुषों ने परिभाषित किया है. इसीलिए जब स्त्री और उसके इर्द-गिर्द निर्मित संसार को एक स्त्री अभिव्यक्त करती है तो एक अलग दृष्टि-एक अलग पाठ की निर्मिति होती है.
वीडियो: उत्तराखंड विधानसभा ने समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कर दिया है, जो राज्य के आदिवासी समुदाय को छोड़कर सभी समुदायों पर लागू होगा. इस विधेयक में विवाह, तलाक़ समेत लिव-इन रिलेशनशिप के लिए भी विभिन्न प्रावधान दिए गए हैं. इस बारे में राजधानी देहरादून के लोगों से बातचीत.
वीडियो: उत्तराखंड में भाजपा नेतृत्व वाली पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने हाल ही में समान नागरिक संहिता विधेयक विधानसभा में पारित कर दिया. इस मुद्दे को लेकर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा से द वायर के अतुल होवाले की बातचीत.
उत्तराखंड के सुदूर गांवों, तहसीलों और क़स्बों में आम आदमी और लिखे-पढ़े लोग भी पूरी तरह भ्रमित हैं कि बेशुमार समस्याओं से घिरे इस छोटे-से प्रदेश में अफ़रा-तफ़री में पारित हुए विवादास्पद यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल से उनकी ज़िंदगी किस तरह से बदलेगी.
वीडियो: उत्तराखंड विधानसभा में पुष्कर सिंह धामी की सरकार द्वारा पेश समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कर दिया गया है. इसे लेकर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
वीडियो: उत्तराखंड विधानसभा में पुष्कर सिंह धामी की सरकार द्वारा पेश समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कर दिया गया है. इसे लेकर उत्तराखंड बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष रज़िया बेग से बातचीत.
उत्तराखंड विधानसभा द्वारा पारित समान नागरिक संहिता विधेयक के विरोध में सामने आए विचारों में कहा गया है कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इस लाने में जल्दबाजी की गई है, कई प्रावधान एकरूपता के सिद्धांत के ख़िलाफ़ हैं और लिव-इन रिलेशनशिप के नियमों के माध्यम से भाजपा अब लोगों के बेडरूम तक में घुस गई है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भर्ती के लिए आवेदन बंद करने के समय 50.14 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. सभी आवेदकों में से 15 लाख महिलाएं हैं, जिन्होंने 12,000 आरक्षित सीटों के लिए आवेदन किया है. पुरुष आवेदकों की संख्या 35 लाख है. एक पद के लिए लगभग 83 दावेदार हैं.
असम सरकार ने मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान योजना शुरू की है. सामान्य और ओबीसी श्रेणियों की महिलाएं अगर इस योजना का लाभ उठाना चाहती हैं तो उनके तीन से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए, जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) की महिलाओं के लिए यह सीमा चार बच्चों की है.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने ब्रिटिश कालीन भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा अध्यादेश, 1943 के उस प्रावधान को रद्द कर दिया, जिसमें ‘नर्सिंग अधिकारियों’ के कैडर में महिलाओं के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया था. हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि इस अध्यादेश के तहत पिछले कुछ दशकों में की गईं नियुक्तियां उसके इस आदेश से प्रभावित नहीं होगी.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 19 महानगरों में से बेंगलुरु शीर्ष पर था, जहां साल 2022 में 8 महिलाएं एसिड हमले की शिकार हुईं. दूसरे स्थान पर दिल्ली था, जहां 7 महिलाएं एसिड हमलों का शिकार हुईं. इसके बाद अहमदाबाद ऐसे 5 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा.
दिल्ली सरकार की 'विमेन एंड मेन इन दिल्ली-2023' रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में दिल्ली में पुरुषों में बेरोज़गारी दर 5.1% और महिलाओं के लिए 6.0% थी. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर यह पुरुषों के लिए 4.4 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 3.3 प्रतिशत थी.