बीना नगर पालिका ने हिंदी और बुंदेली के जाने-माने कवि महेश कटारे 'सुगम' को नोटिस भेजते हुए दावा किया है कि उनका घर अवैध निर्माण है. वहीं, कटारे का कहना है कि उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज़ और अनुमतियां हैं और वे नियमित रूप से गृह कर भी जमा करवाते रहे हैं.
पिछले 18 महीनों में गुजरात सूचना आयोग ने दस लोगों को जीवनभर आरटीआई आवेदन दायर करने से बैन करते हुए कहा कि वे 'सरकारी अधिकारियों को परेशान करने के लिए आरटीआई अधिनियम का इस्तेमाल' करते हैं. आयोग ने एक शख़्स पर आरटीआई के तहत सूचना मांगने पर पांच हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने लोगों को वोट के लिए मुफ़्त उपहार देने को 'रेवड़ी संस्कृति' क़रार देते हुए कहा था कि यह देश के विकास के लिए बहुत ख़तरनाक है. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूछा है कि आम नागरिकों को मुफ़्त शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली देने में ग़लत क्या है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' के वर्षगांठ पर कहा कि अब समय आ गया है जब अन्याय के ख़िलाफ़ बोलना ही होगा. वहीं, कांग्रेस ने ईडी द्वारा राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पिछले दिनों समन किए जाने को संसद तथा सांसदों का ‘घोर अपमान’ बताया और कहा कि दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा फिर न हो.
सोमवार को विपक्ष के विरोध के बीच बिजली संशोधन विधेयक, 2022 लोकसभा में पेश किया गया. वहीं, देश भर में बिजली कर्मचारियों ने विधेयक के विरोध में काम का बहिष्कार करते हुए प्रदर्शन किया. कर्मचारी महासंघ का कहना है कि ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की दृष्टि से विधेयक को अलोकतांत्रिक तरीके से पेश किया गया है.
शनिवार को कानपुर की एक अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान को अवैध हथियार रखने के 31 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया था. इस दौरान सचान दोषी क़रार दिए जाने के अदालती आदेश की फाइल लेकर वहां से भाग गए थे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने एक साक्षात्कार में कहा कि संस्थानों को नियंत्रित, कमज़ोर किया जा रहा है या उन पर कब्ज़ा कर लिया गया है. भले ही हमारे पास लोकतंत्र का कवच है, लेकिन भीतर से यह कवच खोखला हो चुका है.
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी ‘टाइम्स नाउ’ के प्राइम टाइम शो में की थी, जिसे नविका कुमार होस्ट कर रही थीं. इसे लेकर नविका के ख़िलाफ़ कई एफआईआर दर्ज हुई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें भविष्य में दर्ज हो सकने वाली एफआईआर के संबंध में भी दंडात्मक कार्रवाई से राहत दी है.
ट्विटर ने स्वीकारा है कि पिछले साल कई यूज़र्स की निजता उस समय जोखिम में पड़ गई थी जब उसके सॉफ्टवेयर की ख़ामी का दुर्भावना से फायदा उठाया गया था. कंपनी ने कहा कि इस सेंधमारी का वैश्विक असर हुआ था पर वह इससे प्रभावित हुए लोगों की सटीक संख्या या जगह के बारे में स्पष्ट तौर पर नहीं बता सकती.
यूपी के नोएडा में ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी में श्रीकांत त्यागी नाम के व्यक्ति ने सार्वजनिक ज़मीन पर पौधे लगाकर कब्ज़ा किया था. एक महिला द्वारा इसका विरोध करने पर त्यागी ने उनके साथ बदसलूकी और हाथापाई की. विपक्षी दल त्यागी के भाजपा नेता होने का दावा कर रहे हैं, जबकि भाजपा ने इन दावों का खंडन किया है.
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त और निर्माण कार्य कराने वाले 40 लोगों की एक सूची जारी की गई. सूची में मिल्कीपुर क्षेत्र से पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा का नाम भी शामिल है.
निषादों को आरक्षण देने की मांग को लेकर साल 2015 में उत्तर प्रदेश में गोरखपुर शहर के सहजनवा क्षेत्र में हुए उग्र आंदोलन में संजय निषाद समेत 37 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था. इस दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और 24 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
मणिपुर के घाटी क्षेत्रों का समान विकास सुनिश्चित करने के लिए पहाड़ी इलाकों को अधिक वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता देने हेतु ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर प्रदर्शन कर रहा है. प्रदेश महिला कांग्रेस ने कहा है कि इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि लोग भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. लोकतंत्र की हत्या भाजपा के शासन में रोज़ का मामला है.
अभियोजन अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान को अदालत ने जब 31 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया और बचाव पक्ष को सज़ा पर बहस शुरू करने को कहा, तब सचान वहां से चले गए. इस संबंध में अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के निर्देश पर कानपुर कोतवाली में मंत्री के ख़िलाफ़ तहरीर दी गई है.
5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस का आरोप है कि आरोपी क़ानून-व्यवस्था ख़राब करने के लिए हाथरस जा रहा था. कप्पन पर पीएफआई से जुड़े होने का भी आरोप है.