यूपी के गोरखपुर के मियां बाज़ार, मुफ़्तीपुर, अलीनगर, तुर्कमानपुर, रसूलपुर, हुमायूंपुर उत्तरी, घोसीपुरवा, दाउदपुर, क़ाज़ीपुर खुर्द, चक्सा हुसैन जैसे वॉर्ड के नाम बदल दिए गए हैं. अब इलाहीबाग को बंधु सिंह नगर, इस्माइलपुर को साहबगंज और ज़ाफ़रा बाज़ार को आत्माराम नगर के नाम से जाना जाएगा.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए दंगे भड़काकर देश में ‘गृह युद्ध’ जैसे हालात पैदा करने की कोशिश कर रही है.
क्षेत्र के प्रभावी ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन ने नेताओं, सातों जनजातियों के निकायों और क्षेत्र के अन्य संगठनों के साथ 26 अगस्त को दिमापुर शहर में बैठक की थी, जिसमें संकल्प लिया गया था कि वे किसी भी चुनाव में तब तक शामिल नहीं होंगे, जब तक कि उनकी अलग ‘फ्रंटियर नगालैंड’ राज्य बनाने की मांग को स्वीकार नहीं कर लिया जाता.
आरोप है कि कर्नाटक से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अरविंद लिम्बावली कथित तौर पर एक ज़मीन पर अतिक्रमण को लेकर सवाल पूछने और अर्ज़ी देने की कोशिश कर रही एक महिला को धमकाया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में सवाल पूछने पर विधायक कथित तौर पर एक संवाददाता से कहते हैं, ‘मुझसे सवाल क्यों कर रहे हो, क्या मैंने उसका रेप किया है?’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीते शुक्रवार को तेलंगाना के कामारेड्डी ज़िले में एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकान पर निरीक्षण करने पहंच गईं थीं, जहां वे स्थानीय कलेक्टर पर इसलिए भड़क गईं क्योंकि उन्हें पीडीएस दुकान से वितरित चावल में केंद्र व राज्य के अंश का नहीं पता था और दुकान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं लगी थी.
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर के महापौर रहते के दौरान नगर निगम द्वारा अपात्रों, काल्पनिक नाम वाले लोगों और मृतकों तक को पेंशन का बेजा लाभ दिए जाने से सरकारी ख़जाने को 33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
पार्टी अध्यक्ष पद के आगामी चुनाव में उतरने पर विचार कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और असम से पार्टी सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री को पत्र लिखकर उनसे निर्वाचक मंडल की सूची प्रकाशित करने की मांग की है. कई अन्य पार्टी नेता भी चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की बात कहते हुए यह मांग उठा चुके हैं.
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष पद पर रहते हुए उनकी बेटी को अवैध तरीके से एक खादी लाउंज की डिज़ाइनिंग का ठेका देने का आरोप लगाया है. इससे पहले पार्टी ने दावा किया था कि नोटबंदी के बाद सक्सेना ने खादी ग्रामोद्योग के कर्मचारियों पर 1,400 करोड़ रुपये के चलन से बाहर हो चुके नोट बदलवाने का दबाव डाला था.
जदयू ने इन पांच विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए हाईकोर्ट जाने की बात कही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने मणिपुर में वही किया जो उसने पहले दिल्ली, झारखंड, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किया था.
पच्चीस साल तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता रहे यशवंत शिंदे ने सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष दायर एक हलफ़नामे में दावा किया है कि 2006 नांदेड़ धमाके से तीन साल पहले विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने उन्हें आतंकी प्रशिक्षण शिविर के बारे में बताया था, जो 'देशभर में बम धमाके करने के इरादे से चलाया गया था.'
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की श्रेणी में शामिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2016 और 2019 में जारी अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें रद्द कर दिया. याचिका डॉ. बीआर आंबेडकर ग्रंथालय एवं जन कल्याण, गोरखपुर और अन्य ने दायर की थी.
पंजाब सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब उसे सूचित किया गया कि कई महिला सरपंचों के परिवार के पुरुष सदस्य उनकी जगह आधिकारिक बैठकों में शामिल हो रहे हैं और कम से कम तीन पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के पति, देवर और ससुर को आधिकारिक शपथ दिलाई गई है.
कर्नाटक सरकार बेंगलुरु के चामराजपेट ईदगाह मैदान पर गणेशोत्सव आयोजित कराना चाहती थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि वक़्फ़ बोर्ड के क़ब्ज़े वाली इस ज़मीन पर 200 सालों से ऐसा कोई आयोजन नहीं हुआ है, इसलिए यथास्थिति बरक़रार रखें. लेकिन, ऐसे ही एक अन्य मामले में हुबली के ईदगाह मैदान में कर्नाटक हाईकोर्ट ने गणेशोत्सव की अनुमति देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश यहां लागू नहीं होता.
भाजपा विपक्षी दलों पर जो आरोप लगाकर उन्हें ख़ारिज करती रहती है, उनमें से कोई भी आम आदमी पार्टी पर फिट नहीं बैठते और यही उसकी सबसे बड़ी चुनौती है.
भारतीय मध्यवर्ग अक्सर ग़रीबों को दी जाने वाली मुफ़्त सुविधाओं/कल्याणकारी योजनाओं की आलोचना करता है, लेकिन मुफ़्त सुविधा या फ्रीबी और कल्याणकारी योजनाओं के बीच अंतर तब जटिल हो जाता है जब राजनीतिक दल अपने-अपने हित के हिसाब से व्याख्याएं पेश करते हैं.