मृत मादा चीता की पहचान धात्री के रूप में हुई. बीते माह भी कूनो में सूरज और तेजस नामक दो चीतों की मौत हुई थी. बीते मार्च महीने से भारत में मरने वाले अफ्रीकी चीतों की कुल संख्या नौ हो गई है.
मृत चीते की पहचान सूरज के रूप में हुई, जिसे इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाया गया था. बीते 11 जुलाई को तेजस नामक चीते की मौत हो गई थी. इसके साथ ही बीते मार्च महीने से भारत में मरने वाले अफ्रीकी चीतों की कुल संख्या आठ हो गई है.
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 11 जुलाई को अफ्रीका से लाए गए नर चीते तेजस की मौत हो गई. इसके साथ ही पिछले तीन महीनों में भारत में मरने वाले चीतों की कुल संख्या सात हो गई है.
मध्य प्रदेश के श्योपुर ज़िले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में 25 मई को दो और चीता शावकों की मौत हो गई. इसके पहले 23 मई को एक शावक की मौत हो गई थी. प्रोजेक्ट चीता शुरू होने के बाद इस पार्क में अब तक तीन वयस्क और तीन शावक चीतों की जान जा चुकी है.
कूनो नेशनल पार्क में पैदा हुए चार चीता शावकों में से एक की 23 मई को मौत हो गई. मध्य प्रदेश वन विभाग का कहना है कि शावक कमज़ोर था. प्रोजेक्ट चीता शुरू होने के बाद इस नेशनल पार्क में चार चीतों की जान जा चुकी है.
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट के तहत दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की मंगलवार को मौत हो गई. इससे पहले मार्च और अप्रैल में भी एक-एक चीते की मौत हो चुकी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए 8 चीते शनिवार को मध्य प्रदेश के श्योपुर ज़िले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े थे, जिसके बाद दावे किए जा रहे हैं कि चीतों के आगमन से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि स्थानीय निवासियों की इस संबंध में कई आशंकाएं भी हैं.
वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे का कहना है कि वे 2013 से वन्यजीवों के संरक्षण में अनियमितताओं का ख़ुलासा कर रहे हैं लेकिन इस साल पहली बार उन्हें 'प्रोजेक्ट चीता' पर जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा गया है कि इसका खुलासा करने से राष्ट्रीय सुरक्षा या दूसरे देशों के साथ संबंधों पर असर पड़ेगा.
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मध्य प्रदेश में चौदहवीं विधानसभा (2018-2023) ने भाजपा और कांग्रेस, दो सरकारों को देखा, जहां जनता ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं, दल-बदल तो देखे ही, साथ ही बढ़ती कट्टरता और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को पैठ बनाते देखा. इन पांच सालों के घटनाक्रमों से प्रदेश में भविष्य की राजनीति की दिशा समझी जा सकती है.
दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के विशेषज्ञ, जो राष्ट्रीय चीता परियोजना संचालन समिति के सदस्य हैं, ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में कहा है कि परियोजना के वर्तमान प्रबंधन के पास 'बहुत कम या कोई वैज्ञानिक प्रशिक्षण नहीं' है और वह उनकी राय को नज़रअंदाज़ कर रहा है.
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वीडियो: सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर अफ्रीका से लाए गए 8 चीते मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए थे. ‘प्रोजेक्ट चीता’ का कई जानकारों ने विरोध भी किया था. अफ्रीका से अब तक 20 चीते लाए गए हैं, जिनमें से 8 की मौत हो चुकी है.
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