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पारस अस्पताल के मालिक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मॉक ड्रिल के तौर पर पांच मिनट के लिए कोविड और ग़ैर कोविड वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने की बात कह रहे हैं. आरोप है कि इस दौरान 22 मरीज़ों की मौत हुई. मामला सामने आने के बाद उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है.
हाल ही में आरटीआई आवेदन के जवाब में रेलवे ने बताया था कि साल 2020 में रेल की पटरियों पर 8,733 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकतर प्रवासी मज़दूर थे. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा है कि ये मौतें अतिक्रमण के कारण हुई हैं न कि रेल हादसों की वजह से. इनका रेलवे से कुछ लेना-देना नहीं है.
लुमेन डेटाबेस से मिली जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने छह जून को चार ट्विटर अकाउंट पर कार्रवाई करने के लिए कंपनी से कानूनी अनुरोध किया था, इनमें जैज़ी बी के अलावा हिप-हॉप कलाकार एल-फ्रेश द लॉयन का अकाउंट भी शामिल था. ये लोग कृषि कानूनों के विरोध में डटे किसानों का समर्थन कर रहे थे.
वीडियो: ग्रामीण क्षेत्रों में 45 से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है, लेकिन गांवों में इसे लेकर उत्साह और जागरूकता की कमी है. इस मुद्दे पर प्रोफेसर गगनदीप कांग से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए कोविशील्ड की एक खुराक की अधिकतम कीमत 780 रुपये जबकि कोवैक्सीन की एक खुराक के लिए 1,410 रुपये और स्पुतनिक-वी की एक खुराक की कीमत 1,145 रुपये तय की. मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि ज़्यादा शुल्क वसूले जाने पर निजी टीकाकरण केंद्रों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाए.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में कोविड प्रबंधन को लेकर भाजपा दो धड़े में बंटी हुई नज़र आ रही है. एक धड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ है तो दूसरा उनके साथ खड़ा है. इसी बीच गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को उत्तर प्रदेश भेजकर प्रधानमंत्री ने अपनी दखल दे दी है. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान और सिद्धार्थ कलहंस से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
उत्तर प्रदेश में आगरा स्थित पारस अस्पताल का मामला. अस्पताल के मालिक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वह मॉक ड्रिल के तौर पर पांच मिनट के लिए कोरोना मरीज़ों की ऑक्सीजन बंद करने की बात कह रहे हैं. यह घटना 26 अप्रैल की बताई जा रही है. आरोप है कि इस दौरान 22 मरीज़ों की मौत हुई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों को केवल क्लीनिकल और मेडिकल ड्यूटी के लिए तैनात किया जाना चाहिए. उन्हें प्रशासनिक या प्रबंधन कार्यों के लिए तैनात नहीं किया जाना चाहिए. इसके बजाय उनकी जगह एमबीए डिग्री धारकों की नियुक्ति करनी चाहिए. डॉक्टरों का कहना है कि वे सेवा के लिए मरने को तैयार हैं, लेकिन सम्मान का त्याग करने के लिए तैयार नहीं हैं.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के घाटों पर अत्यधिक मात्रा में शैवाल पाए जाने के बाद से एक बार फिर से बहस तेज़ हो गई है कि आखिर हज़ारों करोड़ रुपये ख़र्च करने के बाद भी गंगा स्वच्छ क्यों नहीं हो पा रही है. सवाल उठता है कि क्या भारत सरकार द्वारा गंगा पुर्नरुद्धार के नाम पर बनाई गई परियोजनाएं काग़ज़ी दावे बनकर रह गई हैं.