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मामला मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय का है. प्रशासन ने एक महिला नर्स को निलंबित कर दिया. इसके अलावा अस्पताल में साफ-सफाई और सुरक्षा की ठेकेदार कंपनी के दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है.
निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को केरल में निपाह वायरस के अलावा कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से तमाम नेताओं ने नाख़ुशी ज़ाहिर की है. पिनराई विजयन की गठबंधन सरकार में माकपा के कोटे से 11 नए मंत्री होंगे, जिनमें उनके दामाद भी शामिल हैं. पार्टी का कहना है कि उन्होंने पहले ही कहा था कि कैबिनेट में नए चेहरों को मौका दिया जाएगा.
देश जब कोविड- 19 से जूझ रहा है तब ओडिशा के माली पहाड़ के लोग कंपनी और सरकार से जूझ रहे हैं. वे सरकार से पूछ रहे हैं कि महामारी में लोगों की आवाजाही तो प्रतिबंधित हो गई है, पर कंपनियों का आदिवासी इलाकों में प्रवेश कब बंद किया जाएगा?
इंसानियत का ज़िक्र कहीं तहखाने में फ़ेंक दी गई संवेदना को जगाने की ताक़त रखता है, इसीलिए सत्ता इस शब्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती. बावजूद ऐतिहासिक दुरुपयोग के मानवता शब्द में एक विस्फोटक क्षमता है. इसे अगर ईमानदारी से इस्तेमाल करें, तो यह भीतर तक जमी बेहिसी की चट्टानी परतों को छिन्न-भिन्न कर सकता है.
स्मृति शेष: लाल बहादुर वर्मा इतिहास की आंदोलनकारी और विचारधर्मी भूमिका के समर्थक थे. वे किताब से ज़्यादा इंसानों में विश्वास करते थे. केवल बैठे रहकर वे किसी बदलाव की उम्मीद नहीं करते थे, वे भारत के हर लड़ते हुए मनुष्य के साथ खड़े थे.
द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि गौतमबुद्धनगर ज़िले के मेवला गोपालगढ़ के लोगों का एक नीम के पेड़ के नीचे ‘इलाज’ हो रहा है. ज़िला प्रशासन ने गांव के पूर्व प्रधान समेत दो लोगों पर अफ़वाह फैलाने का आरोप लगाया है. आरोप के अनुसार, दोनों प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और ज़िला प्रशासन की छवि को ख़राब करने के इरादे से अफ़वाह फैलाकर गांववालों को गुमराह कर रहे हैं.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसे सही वैक्सीन नीति लागू करने को लेकर कार्यपालिका की बुद्धि पर भरोसा करना चाहिए. पर हक़ीक़त यह है कि भारत में स्पष्ट तौर पर कोई भी घोषित राष्ट्रीय वैक्सीन नीति है ही नहीं. सच यह भी है कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अमल के लिए केंद्र और राज्य अलग इकाइयों के तौर पर काम नहीं कर सकते हैं.
मेरठ ज़िला अस्पताल में भर्ती एक मरीज़ की मौत के बाद शव का निस्तारण ‘अज्ञात’ में कर देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. अदालत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं है और अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो उत्तर प्रदेश इसके लिए तैयार है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 25,228,996 हो गए हैं और अब तक यह महामारी 278,719 लोगों की जान ले चुकी है. दुनिया में संक्रमण के 16.36 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 33.90 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.