महाकुंभ का राजनीतिकरण अपनी सीमाएं न लांघ रहा होता, तो न इस मेले को अतिशय महत्वपूर्ण बताने के लिए आने-नहाने वालों की संख्या तर्कातीत स्तर तक बढ़ाकर कई-कई करोड़ बताने की ज़रूरत पड़ती, न ही शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान बताकर अपनी हीनता ग्रंथि को तुष्ट करने की.
द वायर इन्वेस्टिगेशन
→वीडियो
→भारत-कनाडा विवाद
→सभी ख़बरें
केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने जुलाई 2023 में देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रणब सेन की अध्यक्षता में सांख्यिकी पर 14 सदस्यीय स्थायी समिति का गठन किया था, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि वह सर्वेक्षण पद्धति पर केंद्र सरकार को सलाह देगी. सेन का कहना है कि समिति को भंग करने का कोई कारण नहीं बताया गया.
गुजरात पुलिस के अनुसार, भरत छाबड़ा नाम के एक शख़्स ने ख़ुद को सीबीआई अफसर बताते हुए हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना सहित कई राज्यों में ठगी की. वह लोगों को बताया करता था कि उसके गृह मंत्रालय, पीएमओ के साथ ही भाजपा और आरएसएस के प्रभावशाली लोगों से अच्छे संबंध हैं.
नवंबर 2014 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले में लगा एक नसबंदी शिविर त्रासदी में तब्दील हो गया था, जब ऑपरेशन के बाद 13 महिलाओं की मौत हुई और कई अन्य स्त्रियां अस्पतालों में भर्ती रहीं. उस वक्त ढेरों सरकारी वादे किए गए थे, लेकिन आज उनका नामोनिशान नहीं दिखता.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार ने एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने बहन सुप्रिया सुले के ख़िलाफ़ अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाकर ग़लती की थी.
गरीबी आम तौर पर एक ऐसी स्थिति है जिसके शिकार व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के पास जीने के लिए आवश्यक बुनियादी चीजें नहीं होतीं, जबकि रंक के साथ गरीबी से पैदा हुई 'कंगाली में आटा गीला' वाली गिरानी से भरी भीषण असहायता भी जुड़ी होती है.
कहा जा रहा है कि रुद्रप्रयाग ज़िले के गांवों में ग्राम सभा ने ऐसे बोर्ड लगाए हैं. हालांकि, ग्राम प्रधान के अनुसार इन्हें ग्रामीणों ने लगाया है. विश्व हिंदू परिषद ने इस मसले को अपना समर्थन देकर माहौल उग्र कर दिया है.