यूएन की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और वरिष्ठ नेताओं पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि हसीना के सत्ता से हटने के बाद बने राजनीतिक शून्य ने अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा दिया, हालांकि इसके धार्मिक, जातीय और राजनीतिक कारण भी थे.