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सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के अध्ययन में कहा गया है कि डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडू, हितकारी और एपिस हिमालय जैसे प्रमुख ब्रांड के शहद के नमूने परीक्षण में विफल रहे. वहीं इन कंपनियों की ओर से कहा गया है कि यह प्रसंस्कृत/कृत्रिम शहद को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्राकृतिक शहद निर्माताओं को बदनाम करने की साज़िश है.
सुप्रीम कोर्ट ने हिरासत में यातना से संबंधी मामले में अपने एक पुराने आदेश का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को सीबीआई, ईडी और एनआईए समेत सभी केंद्रीय एजेंसियों और पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश देते हुए इसके लिए केंद्र और राज्य स्तर पर निगरानी समिति बनाने को कहा है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से बीते 24 घंटे के दौरान 526 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,38,648 हो गई है. विश्व में कुल मामले 6.45 करोड़ से ज़्यादा हैं और 14.92 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
वीडियो: देश में कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन पर कनाडा के प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर लेखक अमनदीप संधू से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
कोरोना वायरस को लेकर पूरी आबादी के टीकाकरण से जुड़े एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि महत्वपूर्ण ये है कि इस संबंध में तथ्यात्मक जानकारी ली जाए. आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा कि यह सवाल वैक्सीन की प्रभावशीलता पर निर्भर करेगा. अभी हमारा उद्देश्य संक्रमण के प्रसार की शृंखला को तोड़ना है.
इससे पहले बीते 11 नवंबर के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक फ़ैसले में कहा था कि अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ जीने का अधिकार जीवन एवं व्यक्तिगत आज़ादी के मौलिक अधिकार का महत्वपूर्ण हिस्सा है. कोर्ट ने कहा कि इसमें धर्म आड़े नहीं आना सकता है.
अटॉर्नी जनरल ने सैनिटरी पैनल्स नाम के एक वेब कॉमिक्स पेज में प्रकाशित एक कार्टून को लेकर कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के ख़िलाफ़ कार्यवाही को मंज़ूरी दी है. इस कार्टून में अर्णब गोस्वामी की ज़मानत पर टिप्पणी की गई थी. इससे पहले कॉमेडियन कुणाल कामरा के ख़िलाफ़ इसी संबंध में कार्रवाई को मंज़ूरी दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई पूर्व और मौजूदा जजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए एक महीने पहले मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस कर्णन के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था. आरोप है कि उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की और न्यायिक अधिकारियों और जजों की पत्नियों को धमकाया है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित नादिया मुराद ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं. यहां तक कि कई महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच भी बाधित हो गई है.