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बसपा प्रमुख मायावती ने 29 अक्टूबर को कहा था कि उनकी पार्टी आगामी विधान परिषद चुनावों में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को हराने के लिए वोट करेगी, फिर चाहे वह भाजपा हो या अन्य कोई भी मजबूत उम्मीदवार, बसपा उसे वोट करेगी.
देश की तीन बड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञों डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. गगनदीप कांग और डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने अपनी नई किताब में कहा है कि संक्रमण के बाद उत्पन्न होने वाली स्थितियां इस महामारी का अगला चरण हो सकता है.
कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष एम. रामचंद्रन ने कहा था कि कोई भी आत्मसम्मान वाली महिला या तो बलात्कार के बाद मर जाएगी या दोबारा अपने साथ बलात्कार नहीं होने देगी. राज्य महिला आयोग ने रामचंद्रन के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
रविवार को एक दिन में कोविड-19 के 45,231 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के कुल मामले 82,29,313 हो गए हैं और मरने वालों की संख्या 1.22 लाख से अधिक पहुंच चुकी है. वहीं, विश्व में अब तक संक्रमण के 4.65 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के क़रीब चार लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त, पूर्ण वेतनमान जैसी विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से नीतीश सरकार से ठनी हुई है. अब शिक्षक संघ और शिक्षकों का कहना है कि वे इस चुनाव में सरकार से आर पार की लड़ाई करने जा रहे हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव राउंडअप: कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि ‘चिराग’ से भाजपा अपना घर रोशन करना और नीतीश का घर जलाना चाहती है. चिराग पासवान ने दावा किया कि चुनाव बाद नीतीश राजग छोड़ देंगे. तेजस्वी बोले- बिहार चुनाव जनता बनाम नीतीश सरकार का है. जदयू नेता अशोक चौधरी का कहना है कि जनता तेजस्वी के बजाय नीतीश के अनुभव को वरीयता देगी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से आरटीआई के तहत प्राप्त सूचना के मुताबिक़ पिछले वर्ष मोदी सरकार ने अख़बार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, होर्डिंग इत्यादि के माध्यम से प्रचार के लिए कुल 713 करोड़ रुपये ख़र्च किए हैं.
मंटो नूरजहां को लेकर कहते थे, 'मैं उसकी शक्ल-सूरत, अदाकारी का नहीं, आवाज़ का शैदाई था. इतनी साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ आवाज़, मुर्कियां इतनी वाज़िह, खरज इतना हमवार, पंचम इतना नोकीला! मैंने सोचा अगर ये चाहे तो घंटों एक सुर पर खड़ी रह सकती है, वैसे ही जैसे बाज़ीगर तने रस्से पर बग़ैर किसी लग्ज़िश के खड़े रहते हैं.'
जहां टाटा हिंदू बहू और मुस्लिम सास के प्रेम का सामना करने से डर गया, वहीं बशीर चूड़ीवाले अपने शहर की हिंदू बहू-बेटियों के प्रति अपने स्नेह के लिए आज भी आम लोगों की स्मृति में ज़िंदा हैं.