दिल्ली दंगों के मामले के आरोपी ताहिर हुसैन की ज़मानत याचिका को जस्टिस पंकज मित्तल ने ख़ारिज कर दिया, वहीं जस्टिस अमानुल्लाह ने संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि वह 5 साल में एक दिन के लिए भी जेल से बाहर नहीं आए हैं, हम अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते.