द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर ने राज्य में जारी हिंसा पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट को ‘पक्षपाती और प्रायोजित’ बताते हुए मांग की है कि गिल्ड अपने सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट से रिपोर्ट, मणिपुर के पत्रकारों के ख़िलाफ़ 'अपमानजनक' बयान हटाए.
भारतीय प्रेस परिषद ने मार्च 2020 से लेकर फरवरी 2021 की अवधि के दौरान नौकरी से निकाले गए पत्रकारों को एक ऑनलाइन फॉर्म भरने या विवरण के साथ ईमेल भेजने के लिए कहा है.
जन्मदिन विशेष: आज़ादी की लड़ाई के समय लखनऊ में अवधी के बडे़ कवि बलभद्र प्रसाद दीक्षित ‘पढ़ीस’ जितने कवि थे, उससे ज़्यादा एक्टिविस्ट. जाति व वर्ण व्यवस्थाओं और ग़ैर-बराबरी के ख़िलाफ़ होकर ब्रिटिश सरकार की नौकरी छोड़कर उन्होंने श्रमजीवी बनने की राह चुनी थी.
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पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने अपनी किताब में बताया है कि अर्थव्यवस्था की समीक्षा पर हुई एक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपा खोकर पटेल पर भड़क उठे थे, क्योंकि पटेल आरबीआई के संचित रिज़र्व का इस्तेमाल करने के ख़िलाफ़ थे.
सोशल मीडिया पर प्लास्टर लगे पांव के साथ ज़मीन पर खिसककर चलते कुछ युवकों का वीडियो साझा करते हुए कहा गया कि ये यूपी के अंबेडकरनगर में एक छात्रा से छेड़छाड़ के आरोपी हैं. ऑल्ट न्यूज़ के अनुसार, वीडियो राजस्थान के भरतपुर का है और वीडियो में दिख रहे लोग एक हत्याकांड के आरोपी हैं.
मुज़फ़्फ़रनगर के निजी स्कूल में मुस्लिम छात्र को साथी छात्रों द्वारा पीटने के लिए कहने के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए और सरकार को आरोपी अध्यापिका के ख़िलाफ़ दर्ज मामले की निगरानी के लिए फ़ौरन एक आईपीएस अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया है.
भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा संसद में बसपा के सांसद दानिश अली पर सांप्रदायिक टिप्पणी को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद और जमात-ए-इस्लामी हिंद ने कहा कि आम मुसलमानों की बात तो छोड़िए, अब चुना हुआ प्रतिनिधि भी संसद में सुरक्षित नहीं है. अगर यह नए भारत की तस्वीर है तो यह ख़तरनाक है.
भाजपा सांसद विवेक ठाकुर की अध्यक्षता वाली 'शिक्षा पर संसदीय स्थायी समिति' ने हाल ही में संपन्न हुए विशेष सत्र के दौरान सदन में पेश की गई रिपोर्ट में कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 'मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट' के विकल्प को लागू करने से पहले हितधारकों के साथ चर्चा की जानी चाहिए.
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