हरियाणा के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री अनिल विज 6 बार के विधायक हैं और अंबाला छावनी सीट से उम्मीदवार हैं. हालांकि, भाजपा पहले ही मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम का ऐलान कर चुकी है.
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रूस की एक निजी सेना में काम करने को मजबूर किए गए चार भारतीय नागरिक, जिनमें से एक तेलंगाना और तीन कर्नाटक के हैं, शुक्रवार को भारत लौट आए. उनके अनुसार, कम से कम 60 भारतीय युवाओं को उनकी तरह नौकरी का झांसा देकर रूसी सेना में शामिल किया गया था, जो अब भी वही हैं.
वित्त मंत्रालय को लिखे एक पत्र में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार ने रेलवे के बुनियादी ढांचे में वृद्धि, नई लाइनों और ट्रेनों की बढ़ती संख्या का ज़िक्र करते हुए ट्रेनों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग की है.
वीडियो: हिंदी साहित्य में आलोचना विधा में चंद स्त्रियों के नाम ही सामने आते है, साथ ही उनकी आलोचना का दायरा समकालीन लेखिकाओं को बमुश्किल ही छूता है. इसकी क्या वजह है? वरिष्ठ आलोचक डॉ. रश्मि रावत और युवा समीक्षक अदिति भारद्वाज के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
केंद्र ने शुक्रवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम कर दिया. यह घोषणा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्त करने के दृष्टिकोण के तहत लिया गया है.
दुनिया में शायद हिंदी अकेली भाषा है जहां सेवक पाए जाते हैं. हिंदी में शिक्षक हो, पत्रकार हो या लेखक, हिंदी की सेवा करता है, उसमें काम नहीं करता.
किश्तवाड़ और कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले की सीमा पर शुक्रवार का हमला चेनाब घाटी के निकटवर्ती डोडा ज़िले में भाजपा की एक रैली से एक दिन पहले हुआ है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे.
पिक्चर पोस्टकार्ड: बांग्लादेश का हिंदू चुभती हुई पीड़ा के साथ जी रहा है. अपने मुल्क में वह पराया हो गया है, और भारतीय सत्ता उसे 'दीमक' कह कर लांछित करती आ रही है.
असम के कामरूप ज़िले में बेदखली अभियान 12 सितंबर को हिंसक हो गया. पुलिस ने दावा किया है कि महिलाओं सहित ग्रामीणों ने अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर हमला किया, जिसके जवाब में किए गए लाठीचार्ज और फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई.
ग़ाज़ियाबाद ज़िले के डासना में स्थित शिव शक्ति धाम के महंत यति रामस्वरूपानंद ने देहरादून प्रेस क्लब में कथित नफ़रती बयान दिए थे, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद विभिन्न समूहों के बीच बैर बढ़ाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.