जनवरी 2024 में द वायर ने बताया था कि भारतीय सेना पूर्व प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की संस्मरण 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' रक्षा और विदेश मंत्रालयों से 'मंज़ूरी के इंतज़ार' में है, जिसके चलते इसमें देरी हो रही है. हालांकि, अब इसे अधर में लटका छोड़ उनकी दूसरी किताब आई है.
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वीडियो: हरियाणा के पलवल में बीते 14 दिसंबर को 23 साल के मुस्लिम युवक राहुल ख़ान की कथित तौर पर उनके तीन दोस्तों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. आरोपियों ने पीड़ित के परिजनों को बताया था कि वह सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ है. हालांकि घटना का वीडियो सामने आने के बाद तीनों को गिरफ़्तार किया गया है.
पिछले विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय दल से चुनाव लड़ने वाले अधिकार कार्यकर्ता प्रणब डोले की नागरिकता को पुलिस ने पासपोर्ट रिन्यूअल प्रक्रिया के तहत अपनी सत्यापन रिपोर्ट में ‘संदिग्ध’ क़रार दिया है. डोले ने दावा किया कि यह उन्हें चुप कराने का हथकंडा है क्योंकि वे अक्सर भाजपा नीत सरकार के ख़िलाफ़ बोलते हैं.
पिछले वर्ष कोविड-19 फैलने के बाद से संसद सत्र के दौरान प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से बहुत सीमित संख्या में पत्रकारों, फोटो पत्रकारों, कैमरामैन को संसद परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. दूसरी ओर कर्नाटक विधानसभा में प्रवेश पर लगे कथित प्रतिबंध के ख़िलाफ़ मीडियाकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया है.
दलित, पिछड़ी और कमज़ोर मानी जाने वाली जातियां, जिन्होंने 2014 के बाद 2017 और 2019 में भाजपा की हिंदुत्व की लहर में बहकर उसे समर्थन दिया, 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले ही उनका पार्टी से मोहभंग हो गया है. मुस्लिम आबादी के साथ इन समुदायों का गठजोड़ भाजपा के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता है.
उत्तराखंड में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में गतिरोध उभरने लगा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री रह चुके हरीश रावत ने संगठन पर उनके साथ असहयोग करने के आरोप लगाए हैं. बताया जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव और हरीश रावत के आपसी संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं. रावत, यादव के कामकाज की शैली से नाखुश हैं और उन्हें ख़ुद को दरकिनार करने के प्रयास का संदेह है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीते एक दिसंबर को वकील एवं नागरिक अधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को तकनीकी ख़ामी के आधार पर ज़मानत दे दी थी और आठ अन्य आरोपियों की इसी आधार पर ज़मानत की अर्जी खारिज़ कर दी थी. आरोपियों ने दावा किया है कि उन्हें ज़मानत से इनकार करने का आदेश ‘तथ्यात्मक त्रुटि’ पर आधारित है.
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