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मणिपुर के राज्यपाल ने राज्य में स्थानीय अधिकारियों को दिए एक आदेश में कहा कि लोगों द्वारा ज़िलों और यहां तक कि संस्थानों का नाम बदलने या इसकी कोशिश करने की घटनाएं देखी गई हैं, जिससे पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी जनजातियों और घाटी-बहुसंख्यक मेईतेई के बीच तनाव बढ़ सकता है. यह चलन बंद होना चाहिए.
मणिपुर से सात सेकंड के इस वीडियो में एक गड्ढे में पड़े कुकी समुदाय के एक व्यक्ति को कुछ लोगों द्वारा आग लगाते हुए देखा जा सकता है. यह स्पष्ट नहीं है कि घटना के व्यक्ति ज़िंदा था या नहीं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह हिंसा के दूसरे दिन यानी 4 मई को मेईतेई-प्रभुत्व वाले थौबल जिले में हुई एक घटना है. इस संबंध में उस वक्त केस दर्ज किया गया था.
अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार के आपदा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,445 हो गई है, लेकिन उन्होंने घायलों की संख्या को संशोधित कर ‘2,000 से अधिक’ कर दिया है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि 9,240 लोग घायल हुए हैं.
देखते ही देखते संविधान व क़ानून दोनों का अनुपालन कराने की शक्तियां ऐसी राजनीति के हाथ में चली गई हैं, जिसका ख़ुद लोकतंत्र में विश्वास बहुत संदिग्ध है और जो निर्मम और अन्यायी होकर उसे अपने कुटिल मंसूबों और सुविधाओं के लिए इस्तेमाल कर रही है.
वीडियो: अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) के नई दिल्ली में हुए नौवें राष्ट्रीय अधिवेशन में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का संबोधन.
शाहरुख़ ख़ान भले ही कहें कि उनकी दिलचस्पी सिर्फ 'एंटरटेन' करने में है, पर उनकी हालिया फिल्मों से पता चलता है कि मनोरंजन के साथ-साथ उन्हें किसी न किसी क़िस्म के संदेश देने में भी दिलचस्पी है.
न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ दर्ज पुलिस केस के सही-गलत होने की बात न भी करें, तब भी उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कथित साज़िशकर्ताओं का पता लगाने और उन पर मुक़दमा चलाने को लेकर मोदी सरकार के रुख़ पर कई सवाल उठते हैं.
फिलीस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के लड़ाकों द्वारा गाज़ा की सीमा से लगे इज़रायल के भीतर सैकड़ों मिसाइलें दागी गईं और सैन्य एवं नागरिक ठिकानों पर क़ब्ज़ा कर लिया गया, जिसके बाद इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई की है. इस बीच यरुशलम गए मेघालय के रहने वाले 27 भारतीय इस युद्ध की वजह से वहां फंस गए हैं.
भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया पर एक पोस्टर साझा किया गया, जिसमें अरबपति समाजसेवी जॉर्ज सोरोस द्वारा राहुल गांधी को कठपुतली बनाकर चलाते हुए दिखाया गया है. सोरोस की यह तस्वीर जो एक वायरल दक्षिणपंथी यहूदी विरोधी मीम है. इस पोस्टर की आलोचना करते हुए इसे घृणात्मक और विकृत बताया गया है.