कृष्णा सोबती की मृत्यु हुए छह बरस हो गए. उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनके घर को लेखकीय आवास में तब्दील कर दिया जाए. लेकिन हाउसिंग कॉलोनी की ज़िद की वजह से सोबती की वसीयत आज तक पूरी न हो सकी, और उनका बंद पड़ा घर देखभाल के अभाव में जर्जर हो रहा है.