मौजूदा आईटी अधिनियम, 1961 में टैक्स चोरी का संदेह होने पर धारा 132 के तहत आयकर अधिकारियों के पास तलाशी लेने और संपत्तियों और खातों संबंधी दस्तावेज़ जब्त करने की शक्ति थी, लेकिन नए आईटी बिल ने इस शक्ति को नागरिकों के मोबाइल फोन और कंप्यूटर सिस्टम तक बढ़ा दिया है.