भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि जॉर्ज सोरोस, खोजी पत्रकारों का अंतरराष्ट्रीय संगठन ओसीसीआरपी और राहुल गांधी एक साथ मिलकर देश की संसद न चलने देने और मोदी सरकार को गिराने की साज़िश रच रहे हैं.
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वीडियो: देश में दो महीनों तक चले लॉकडाउन के दौरान कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्रों की गिरफ्तारी हुई है. इनमें से कई सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल थे. पुलिस ने कई लोगों को दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में गिरफ़्तार किया है. कई सांसदों व पूर्व सांसदों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया है.
जब विरोध होता है तो व्यवस्था की ओर से उपदेश दिया जाता है कि संवाद की स्थितियां बनानी चाहिए. यह बोझ भी प्रदर्शनकारियों पर ही डाल दिया जाता है कि वे संवाद कायम करें. क्या शोषण तर्क और संवाद के सहारे चलता है? विरोध से अराजकता फैलने का आरोप लगाते समय लोग भूल जाते हैं कि जो विरोध करने को बाध्य हुए हैं, उनके जीवन में अराजकता के अलावा शायद ही कुछ है.
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज से यह भी पता चलता है कि सरकार को अप्रैल और मई महीने में जितनी दाल बांटनी चाहिए थी, उसका सिर्फ 40 फीसदी ही बांटा गया है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले में पुलिस बर्बरता की एक घटना सामने आई है. शामली के टपरना गांव के लोगों का आरोप है कि बीती 26 मई को देर रात पुलिस ने लगभग 35 मुसलमानों के घरों में घुसकर तोड़फ़ोड़ की. मर्दों, औरतों और बच्चों के साथ मारपीट की.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लॉकडाउन के दौरान मज़दूरों की मुसीबतों को कवर करने वाले पत्रकारों की तुलना गिद्धों से की. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.
बीते 26 मई को झांसी से गोरखपुर जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार आज़मगढ़ के 45 वर्षीय प्रवासी श्रमिक रामभवन मुंबई से अपने परिवार सहित घर लौट रहे थे, जब रास्ते में अचानक उनकी तबियत ख़राब होने लगी. परिजनों का कहना है कि समय पर उचित मेडिकल सहायता न मिलने के कारण उन्होंने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर दम तोड़ दिया.