मध्य प्रदेश में छह महिला सिविल जजों की बर्ख़ास्तगी पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. मामले की सुनवाई के दौरान एक जज की मानसिक और शारीरिक परेशानी को नज़रअंदाज़ करने पर कोर्ट ने कहा कि पुरुष न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों के लिए भी समान मानदंड होने चाहिए.