मध्य प्रदेश हाईकोर्ट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस दौरान इसने कहा कि आरएसएस जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संगठन को ग़लत तरीके से देश के प्रतिबंधित संगठनों में रखा गया था, जिसके कारण पांच दशकों तक केंद्र सरकार के कर्मचारी देश की सेवा नहीं कर सके.