स्वामीनाथन के भीतर एक सर्जनात्मक दृष्टि भी थी. उनका मूल काम आलोचक-दृष्टि रखना नहीं था, जितना सर्जनात्मक दृष्टि रखना और सर्जनात्मक कर्म करना था. गीता कपूर को सर्जनात्मक दृष्टि रखने की कोई दरकार या कोई ज़रूरत नहीं थी.
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लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने संबंधी गृह मंत्रालय की अधिसूचना को नागरीका एक्सपोर्ट्स और फिक्स पैक्स प्राइवेट लिमिटेड सहित तीन निजी कंपनियों ने चुनौती दी है.
विश्वभर में में धार्मिक स्वतंत्रता की निगरानी का ज़िम्मा संभाल रहे अमेरिकी आयोग ने भारत को ‘खास चिंता वाले देशों’ की सूची में डालने की सिफ़ारिश करते हुए कहा है कि देश में धार्मिक आज़ादी की दशा में बड़ी गिरावट आई है. भारत ने आयोग की आलोचनाओं को पूर्वाग्रह से ग्रसित और पक्षपातपूर्ण कहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि परीक्षण के दौर से गुजर रही प्लाज़्मा थेरेपी के बारे में अभी तक पुष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं कि इससे कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है.
आज जब समाज एक वैश्विक महामारी से गुज़र रहा है, तो नगर प्रतिनिधियों की इसमें कोई तय भूमिका नहीं दिखाई दे रही है. औपचारिक रणनीति में भी उनकी ज़िम्मेदारियां स्पष्ट नहीं हैं, नतीजतन शहरी प्रशासन के ढांचे का एक हिस्सा निष्क्रिय जान पड़ता है.
गुजरात के सूरत शहर में अप्रैल माह में प्रवासी मज़दूरों द्वारा घर भेजे जाने की मांग को लेकर यह तीसरा प्रदर्शन है. लॉकडाउन में काम कराने को लेकर मज़दूरों ने पथराव भी किया. उधर, सूरत के ही डिंडोली इलाके में लॉकडाउन लागू कराने गए पुलिसकर्मियों पर पथराव करने का मामला सामने आया है.
चीन की ओर से कहा गया है कि वह दोनों कंपनियों की ओर से मुहैया कराई गई कोविड-19 त्वरित जांच किट के आकलन के परिणाम और आईसीएमआर द्वारा इनका उपयोग नहीं किए जाने के फैसले से चिंतित है. उसने उम्मीद जताई कि भारत तार्किक ढंग से इस मुद्दे को सुलझाएगा.