बिहार के कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से सीवान में 28 और सारण में सात लोगों की मौत हुई है. विपक्षी नेताओं ने ऐसी मौतों के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शराबबंदी नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा-सा नमूना है.