तरुण भारतीय बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. वह मूलतः बिहार के थे, लेकिन मेघालय जाकर बस गए थे. उनकी रचनाओं में सामाजिक मुद्दों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता और सत्ता की गलत नीतियों के खिलाफ विद्रोह झलकता है.