राहुल गांधी मात्र एक तथ्य बयान कर रहे थे. भारतीय राज्य का चरित्र पिछले दस बरसों में बुनियादी तौर पर बदल गया है. यह कहने से किसी को बुरा क्यों लगना चाहिए? जो इसके कारण उनकी निंदा कर रहे हैं क्या वे ख़ुद इस बात को नहीं जानते और मानते?
द वायर इन्वेस्टिगेशन
→वीडियो
→भारत-कनाडा विवाद
→सभी ख़बरें
इस साल जनवरी में संयुक्त संसदीय समिति द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने इस विधेयक के पुराने संस्करण पर गहरी चिंता व्यक्ति की थी.
राजधानी दिल्ली में स्थित रानी झांसी रोड पर चार मंजिला फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में 43 श्रमिक मारे गए थे. मरने वाले अधिकतर लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूर थे.
झारखंड के सिमडेगा में साल 2017 में संतोषी नाम की 11 साल की एक बच्ची की भूख की वजह से मौत हो गई थी. इस बच्ची की मां और बहन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. परिवार का कहना है कि आधार से राशन कार्ड के लिंक नहीं होने की वजह से उनके परिवार को राशन नहीं दिया गया था.
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक एवं संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इसमें न केवल धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है बल्कि यह सामाजिक परंपरा और अंतरराष्ट्रीय संधि के भी खिलाफ है.
नागरिकता संशोधन विधेयक को ‘गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम’ बताते हुए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग ने कहा कि विधेयक के लोकसभा में पारित होने से वह बेहद चिंतित है.
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े. इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.