महाकुंभ का राजनीतिकरण अपनी सीमाएं न लांघ रहा होता, तो न इस मेले को अतिशय महत्वपूर्ण बताने के लिए आने-नहाने वालों की संख्या तर्कातीत स्तर तक बढ़ाकर कई-कई करोड़ बताने की ज़रूरत पड़ती, न ही शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान बताकर अपनी हीनता ग्रंथि को तुष्ट करने की.
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देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्णय को चुनौती देने वाली शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
यह प्रदर्शन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हो रहा है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है.
कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रही शिवसेना का दावा है कि अपने 56 विधायकों के अलावा उसे सात विधायकों का समर्थन हासिल है. राज्य में 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी भाजपा का दावा है कि उसे 14 अन्य विधायकों का समर्थन हासिल है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने विधायक अजित पवार के साथ हैं.
बीते शनिवार को बिना कैबिनेट की बैठक महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया था और भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री व एनसीपी नेता अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. शपथ ग्रहण कराने के राज्यपाल के फैसले को रद्द करने लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की है.
लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से पेश आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में 59,867 मामले लंबित हैं, जबकि हाईकोर्ट में 44,76,625 मामले और ज़िला एवं निचली अदालतों में 3.14 करोड़ मामले लंबित हैं.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट से इसका पता चला है. सर्वेक्षण 1.13 लाख परिवारों पर किया गया. यह आंकड़ा जुलाई-जून 2017-18 की अवधि के सर्वेक्षण पर आधारित है.