एक टीवी चर्चा में विद्रोही समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट के ख़िलाफ़ आलोचनात्मक टिप्पणी करने के कुछ ही घंटों बाद मणिपुर के वरिष्ठ पत्रकार लाबा याम्बेम को इंफाल में उनके घर से अगवा कर लिया गया था. कुछ घंटों बाद वे रिहा हुए, जिसके बाद उन्होंने यूएनएलएफ पर दिए बयान पर माफ़ी मांगी.
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पिछले साल तीन दिसंबर को बुलंदशहर के महाव गांव के पास गोवंशीय पशुओं के कंकाल बरामद होने पर भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी. मामले के सात आरोपियों को ज़मानत मिलने के बाद उनका कथित तौर पर फूल-मालाओं से स्वागत किया गया. इससे मृतक पुलिस अधिकारी के परिजन नाराज़ हैं.
नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर ने मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के छोटा बड़दा गांव में यह अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया है. पाटकर ने कहा कि पुनर्वास का मतलब प्रभावित परिवार को सिर्फ मुआवज़ा देना नहीं बल्कि उन्हें आजीविका भी दी जानी चाहिए.
उत्तर प्रदेश के अमेठी ज़िले का मामला. मृतक के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके बेटे को पीट-पीट कर मार डाला.
इससे पहले जून महीने में भारतीय राजस्व सेवा के 27 वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रष्टाचार और विभिन्न आरोपों में अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दे दी गई थी. इनमें से 12 अधिकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से थे.
जदयू पर अपने चुनाव चिह्न ‘तीर’ के साथ चुनाव लड़ने से इसलिए रोक लगाई गई है क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिवसेना के चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ यह काफी मिलता-जुलता है.
भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि जब मैं चुनाव लड़ रही थी तो एक महाराज ने मुझसे कहा था कि अपनी साधना का समय कम मत करना क्योंकि बहुत बुरा समय है. विपक्ष एक ऐसी मारक शक्ति का प्रयोग भाजपा पर कर रहा है जो भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए है.
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