बिहार के प्रतिनिधि पत्रकार संतोष सिंह अपनी धारदार ख़बरों के लिए जाने जाते हैं. उनके हालिया प्रकाशित कविता संग्रह ने उनके एक नए रूप से हमें परिचित कराया. अपने कवि-कर्म पर उन्होंने यह ख़ास लेख लिखा है.
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उत्तर प्रदेश में चुनाव पूर्व सपा और कांग्रेस में गठबंधन हुआ, जिसका नुकसान दोनों को हुआ. दरअसल, यह गठबंधन ही ग़लत था.
भले ही जनता ने मोदी को विधानसभा में प्रचंड बहुमत दे दिया है लेकिन लोकसभा की तरह उसे यहां भी निराश होना पड़ेगा. वजह साफ है कि न तो मोदी के पास कोई बड़ी दृष्टि है और न ही उनके पास स्थितियों को समझने का धैर्य.
हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा ऐसे माहौल में समाज में सांप्रदायिक भय खड़ा करता है. हिंसा का भय 1984 के चुनाव में राजीव गांधी के रणनीतिकारों ने भी खड़ा किया था. तब राजीव गांधी ने भी जीत का कीर्तिमान बनाया था. यह कीर्तिमान अब मोदी-शाह ने बनाया है.
अगर भाजपा जातियों के अंतर्विरोधों और संसाधनों में हिस्सेदारी की मार-काट को काबू में रख सकी तो जब तक मोदी का नाम चलेगा, ये वोट बैंक भी चलेगा.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव परिणामों पर द वायर के डिप्टी एडिटर गौरव विवेक भटनागर से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
कुछ विश्लेषकों का मानना था कि बसपा इस चुनाव में डार्क हॉर्स साबित होगी. पार्टी का आधार वोट बैंक दलित और मुस्लिम मतदाता मिलकर उसे भारी जीत दिलाएंगे.