पिछले डेढ़ दशक से बस्तर में माओवाद से मुकाबले के नाम पर ढेर सारी पूंजी पहुंची है, ठेकेदार पनपे हैं और तमाम निर्माण-कार्य शुरू हुए हैं. जाहिर है, उनसे जुड़े मुनाफे के तार को झकझोरने की कोशिश जानलेवा होगी. इसलिए इस हमलावर के पहले निशाने पर बस्तर के पत्रकार आ जाते हैं.
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किस दिन, किस मुहूर्त में लेखक बना, याद नहीं न इसका जरा भी भान हुआ. बस याद रही इस यात्रा की वो सारी बातें जो खुद में एक उपन्यास है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने इस्तीफा तो दे दिया लेकिन अब वे पार्टी महासचिव शशिकला के खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं.
बदलते दौर के भौतिक चमक-दमक को तो भोजपुरी सिनेमा खूब दिखाता है, पर सामाजिक -सांस्कृतिक मूल्यों की जड़ता से नहीं भिड़ता. वह एक बड़े विभ्रम का शिकार है.
हाल ही में आए एक शोध में दावा किया गया है कि 1995 में मुजफ्फरपुर में हुई बच्चों की मौत का कारण लीची थी. हालांकि इस दावे पर तमाम सवाल उठ गए हैं.
ट्रंप-राज में मीडिया की स्वतंत्रता पर जारी बहस को पत्रकारिता के लिहाज से भारतीय संदर्भ में भी समझने की जरूरत है.
गन्ने की खेती का मसला राजनीतिक दलों के लिए ही नहीं आश्चर्यजनक रूप से खुद किसानों के लिए भी चुनावी मुद्दा नहीं है.