आरएसए प्रमुख मोहन भागवत ने दावा किया है कि दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनसे कहा था कि अगर संघ द्वारा धर्मांतरण पर काम नहीं किया गया होता तो आदिवासियों का एक वर्ग राष्ट्र-विरोधी हो गया होता. 2020 में दिवंगत हुए मुखर्जी से इस बातचीत का कोई सार्वजनिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है.