जाति और श्रम अधिकारों के लिए मुखर और अमेरिका में रहने वाली कार्यकर्ता क्षमा सावंत अपनी बीमार मां से मिलने भारत आना चाहती हैं, लेकिन भारत सरकार वीज़ा स्वीकृत नहीं कर रही है. क्षमा इसे राजनीतिक प्रतिशोध मानते हुए कहती हैं कि अगर ऐसा नहीं है भारत सरकार उन्हें वीज़ा दे.
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दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले में शामिल होने वाले विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रकाशकों की संख्या में लगातार कमी दर्ज की जा रही है.
मैं इस सिस्टम से नाराज हूं. मुझे इस पर गुस्सा है क्योंकि ये सिर्फ दिखावा करता है कि इसे हमारी फिक्र है पर असलियत इसके उलट है.
अरुणाचल प्रदेश के आठवें मुख्यमंत्री कालिखो पुल की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है.
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